सीहोर। एक तरफ जहां शासन, प्रशासन किसानों को सुविधाएं देने का दावा करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ यही किसान कितनी परेशानियों के बीच में अपनी उपज बेचने को मजबूर है। इसका ताजा उदाहरण समर्थन मूल्य पर चल रही धान एवं सोयाबीन की खरीदी है। इस समर्थन मूल्य की खरीदी में भी सिस्टम के जिम्मेदारों ने भ्रष्टाचार करने का नया तरीका ढंूढ लिया है और अब इसके कारण अन्नदाताओं को परेशान होना पड़ रहा है। सीहोर जिलेभर में चल रही सोयाबीन एवं धान की समर्थन मूल्य की खरीदी में जहां किसानों को दो-दो दिनों तक खरीदी केंद्रों पर लाइन लगनी पड़ रही है तो वहीं उन्हें पैसे देकर अपनी उपज तुलवानी पड़ रही है। इधर कलेक्टर एवं अन्य अधिकारी लगातार बैठकें करके समर्थन मूल्य खरीदी की समीक्षा कर रहे हैं एवं किसानों को सुविधाएं देने की बात कर रहे हैं, जबकि मैदानी स्थिति इससे एकदम अलग है।
सर्वेयर कर देते हैं एक सिरे से ट्रालियां निरस्त, फिर हो जाती है सांठ-गांठ-
सीहोर जिले में इस समय समर्थन मूल्य पर धान एवं सोयाबीन की खरीदी की जा रही है। यह खरीदी शुरू से ही विवादों में घिरी हुई है। एक तरफ कलेक्टर मैदानी अमले को लगातार निर्देश दे रहे हैं, लेकिन मैदानी अमला अपनी मनमानी से ही खरीदी करने में जुटा हुआ है। सोयाबीन की खरीदी का कार्य नैफेड द्वारा कराया जा रहा है तो वहीं धान की खरीदी नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से हो रही है। अफसरों के निर्देश हैं कि किसानों से एफएक्यू वाली ही उपज लें। इसके लिए सर्वेयर पहले तो एकसिरे से लगभग सारी ट्रॉलियों को ही निरस्त कर देते हैं। इसके बाद किसानों से सांठ-गांठ करके धीरे-धीरे उनकी ट्रालियों को पास कर देते हैं। यह खेल सीहोर जिले के लगभग सभी खरीदी केंद्रों पर चल रहा है। इसमें जहां सर्वेयर शामिल हैं तो वहीं वेयर हाउसिंग कारपोरेशन का अमला, प्रबंधक सहित समिति भी शामिल है। भ्रष्टाचार इतना चरम पर है कि ये किसी को भी नहीं छोड़ रहे हैं।
धान एवं सोयाबीन उपार्जन कार्यों की कलेक्टर ने की समीक्षा
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने जिला उपार्जन समिति की बैठक लेकर धान एवं सोयाबीन उपार्जन कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अभी तक पंजीकृत किसानों से किए गए उपार्जन की क्षेत्रवार एवं केन्द्रवार विस्तार से समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिले में स्थापित किए गए सभी उपार्जन केन्द्रों में किसानों की सुविधा के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। केन्द्रों में पर्याप्त तौल कांटे, बारदाने के साथ ही मजदूरों की उपलब्धता रहे, जिससे सुचारू रूप से किसानों से उपार्जन किया जा सके। कलेक्टर ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी केन्द्रों में एफएक्यू मानक का ही धान उपार्जन किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को उपार्जन के साथ-साथ उठाव कार्य में भी गति लाने वेयरहाउस में भंडारण के निर्देश दिए। बैठक में उप संचालक कृषि केके पाण्डे, उपायुक्त सहकारिता सुधीर कैथवास, नागरिक आपूर्ति निगम के सुशील पंडित तथा सीसीबी के मनोज शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है धान का उपार्जन 20 जनवरी 2025 तक किया जाएगा। धान कॉमन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रूपए और धान ग्रेड-ए का 2320 रूपए है।