
सुमित शर्मा, सीहोेर।
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नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भाजपा ने सीहोेर जिले की सीहोर नगर पालिका, आष्टा नगर पालिका सहित, रेहटी, नसरूल्लागंज, बुदनी, कोठारी, जावर और इछावर नगर परिषदों के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। अब भाजपा के सभी उम्मीदवार घोषित हो चुके हैैं, लेकिन अब भाजपा प्रत्याशियों को भीतरघात का भी डर है। दरअसल इस बार भाजपा से एक-एक वार्ड से कई नेताओं ने टिकट की दावेदारी की थी। रायशुमारी में भी यह स्थिति सामनेे आई थी। इसके कारण जो भाजपा नेता टिकट की दावेदारी जता रहे थे, लेकिन किसी कारणवश उन्हें टिकट नहीं दिया गया है। अब उनसे ही भाजपा को भीतरघात का सबसे ज्यादा डर रहेगा। इधर कांग्रेस ने जिले की सभी निकायों केे लिए सिंगल नामों पर ही विचार किया है। इसके कारण कांग्रेस को इस बात का डर नहीं है, लेकिन इस बार चुनावी मैैदान मेें आम आदमी पार्टी ने भी ताल ठोेकी है तो वहीं निर्दलीय भी कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने की तैैयारी के साथ प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा उम्मीदवारों को उठाना पड़ सकता है।
नगरीय निकाय चुनाव में टिकट कोे लेकर सबसेे ज्यादा माथापच्ची भाजपा को करना पड़ी है। भाजपा नेताओं ने टिकट की सबसेे ज्यादा दावेदारी जताई थी। एक-एक वार्ड से कई नेताओें के नाम पर्यवेेक्षकों के सामनेे एवं रायशुमारी मेें भी निकलकर आए थे। इसके बाद भाजपा ने सर्वे कोे भी आधार बनाया था। कांग्रेस में ऐसी स्थिति सामने नहीं आई। कांग्रेस आलाकमान के आदेश के बाद कांग्रेस के पर्यवेेक्षकों ने लगभग सभी स्थानों पर सिंगल नामोें पर ही विचार किया था। हालांकि कुछ दिन पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का एक पत्र सामने आया था, जिसमें उन्होंने स्थानीय नेता कोे ही उसके संबंधित वार्ड में टिकट देने का कहा था। इसके बाद कांग्रेस में जरूरी कोेलाहल की स्थिति निर्मित हुई थी, क्योंकि सीहोेर नगर सहित जिले के अन्य निकायों में यह स्थिति थी कि कई वार्डोें से कांग्रेस केे प्रत्याशी ही नहीं सामनेे आ रहे थे, ऐेसे में स्थानीय नेता के टिकट वाले दायरे को फालोे करना मुश्किल लग रहा था। बताया जा रहा है कि इस आदेश कोे बाद मेें नगर परिषद एवं नगर पालिकाओं के लिए शिथिल किया गया। यह आदेश नगर निगमों केे लिए ही प्रभावशील रहा।
कई भाजपा नेताओें ने भर दिए नामांकन, बाद में कट गया टिकट-
सीहोेर जिले मेें भाजपा के कई उत्साहित नेताओं नेे सूची जारी होेने से पहले ही नामांकन फार्म जमा कर दिया था। उन्हें उम्मीद थी कि टिकट उनका ही फाइनल होेगा, लेकिन सूची जारी होेने के बाद स्थिति बदल गई। सूची मेें उनका नाम शामिल नहीं था। ऐसे में ये नेता भाजपा केे उम्मीदवारों के लिए खतरनाक भी साबित होे सकते हैैं। हालांकि इस बार नगरीय निकाय चुनाव के मैदान में आम आदमी पार्टी भी अपने प्रत्याशी उतार रही है। इनके अलावा निर्दलीय भी बड़ी संख्या में चुनाव लड़ रहे हैं। इसके कारण राह भाजपा औैर कांग्रेस दोनों की ही इतनी आसान नहीं है।
जिला एवं जनपद पंचायत वार्डोें में भी यही स्थिति-
भाजपा नेताओें में आपसी मुकाबला सिर्फ नगरीय निकायों में ही नहीं हैै, बल्कि जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत वार्ड सदस्यों में भी है। जिला पंचायत सदस्य एवं जनपद पंचायत सदस्यों के लिए भी एक-एक वार्ड से कई भाजपा के दिग्गजों ने नामांकन फार्म भरे हैं औैर वे चुनाव केे मैदान मेें भी डटेे हुए हैैं। बुदनी विधानसभा के जिला पंचायत वार्ड नंबर 13 एवं ृ17 सहित जनपद पंचायत के वार्ड 4,5 सहित अन्य वार्डोें मेें भी यह स्थिति है। यहां से भाजपा के कई वरिष्ठ एवं दिग्गज नेता चुनाव केे मैदान मेें आमने-सामनेे हैं और अपना-अपना चुनाव प्रचार भी लगातार कर रहे हैं। हालांकि कई जगह यह भी स्थिति बन रही है कि वे एक-दूसरे कोे समर्थन देेने केे लिए तैयार भी कर रहे हैैं, लेकिन अब तक उनका समर्थन प्रत्यक्ष रूप से सामनेे नहीं आया है।



