दस हजार उधार देकर 50 हजार मांगते हुए धमकाया, दुष्कृत्य कर अश्लील फोटो खींचे, कोर्ट ने सुनाई दस साल की सजा
सीहोर। दस हजार रूपए उधार देने के बाद बदले में 50 हजार रूपए मांगते हुए धमकाकर दुष्कृत्य करने और अश्लील फोटो और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के एक जघन्य और सनसनीखेज प्रकरण में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। पाक्सो न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अभिलाष जैन ने फैसले में आरोपी को दस साल के सश्रम कारावास और 13 हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता के उज्जवल भविष्य व शिक्षा हेतु प्रतिकर स्वरूप चार लाख रूपए दिलवाए जाने के आदेश पारित किए हैं।
विशेष लोक अभियोजन अधिकारी और मामले के पैरवीकर्ता केदार सिंह कौरव ने बताया कि पीड़िता ने अपने दोनों भाइयों के साथ थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया था कि उसे स्कूल की फीस के पैसों की जरूरत होने से आरोपी से पैसे लेने के लिए संपर्क किया था। वह आरोपी को जानती है। आरोपी से ब्याज से 10 हजार रूपए एक महीने के लिए उधार लिए थे और उसे ब्याज सहित 12 हजार रूपए वापस करने थे, जब एक माह बाद 12 हजार रूपए ब्याज सहित वापस करने के लिए आरोपी से संपर्क किया, तब आरोपी 10 हजार के बदले पीड़िता से 50 हजार रूपए देने की मांग करने लगा। पीड़िता ने कहा कि आपके कुल 12 हजार रूपए बनते हैं, लेकिन आरोपी नहीं माना और कहा कि मैं 50 हजार रूपए ही लूंगा, क्योंकि मैंने 50 हजार रूपए उधार दिए थे। फिर आरोपी मुझे ब्लैकमेल और प्रताड़ित करने लगा, आरोपी मुझे धमकिया देने लगा और कहने लगा कि मुझसे मिलने आओ, आरोपी मुझे बहुत पेरशान व प्रताड़ित करने लगा। फिर आरोपी ने पीड़िता को मिलने के लिए दबाव डाला और जबरदस्ती भोपाल नाका स्थित एक रेस्टोरेंट में मिलने बुलाया, जहां पर पीड़िता का शारीरिक शोषण किया और उसके बिना कपड़ों के अश्लील फोटो खींच लिए। इसके बाद आरोपी नेे पीड़िता को ब्लैकमेल व परेशान कर एक होटल में बुलाया, जहां पीड़िता के बिना कपड़ों के वीडियो बनाया और अश्लील फोटो खीचें। आरोपी फिर भी पीड़िता को प्रताड़ित व ब्लैकमेल करता रहा और वीडियो और फोटो वायरल करने की धमकी देता रहा। इसके बाद आरोपी ने अति करते हुए पीड़िता के अश्लील फोटो व वीडियो अपने मोबाइल के वाट्सएप के स्टेटस पर लगाकर वायरल कर दिए। पीड़िता बहुत परेशान हो गई और थाना कोतवाली जाकर घटना की रिपोर्ट की। पीड़िता ने न्यायालय में घटना का समर्थन किया व सायबर एक्सपर्ट ने अपने रिपोर्ट को न्यायालय में साबित किया और कहा कि आरोपी के मोबाइल के वाट्सएप स्टेटस पर पीड़िता के अश्लील फोटो व वीडियो को वायरल किया गया था। पुलिस विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं अंतिम लिखित तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी गजराज परमार पिता सूरज परमार (46) निवासी महुआखेड़ी जिला सीहोर को दोषी पाते हुए धारा 376 भादवि एवं 5/6 पॉक्सो अधिनियम में 10 वर्ष एवं धारा आईटी एक्ट में 3 वर्ष के कठोर कारावास एवं कुल 13 हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।