कुबेरेश्वर धाम में कावड़ यात्रा के दौरान तीन की मौत, कई घायल, इधर आयोग ने लिया मौतों के मामले में संज्ञान

सीहोर। नगर में सीवन नदी तट से कुबेरेश्वर धाम तक भव्य कांवड़ यात्रा निकाली गई। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई एवं कई लोगों के घायल होने की खबर है। कांवड़ यात्रा में ढाई लाख से अधिक लोगों के शामिल होने का अनुमान है। इससे एक दिन पहले कुबेरेश्वर धाम में रूद्राक्ष वितरण के दौरान अचानक से भगदड़ मचने से दो लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है एवं जिला एवं पुलिस प्रशासन से जांच प्रतिवेदन मांगा गया है।
दो दिन में पांच श्रद्धालुओं की मौत –
भक्ति और भीड़ के इस समागम के बीच दो दिन में पांच श्रद्धालुओं की मौत ने आयोजन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बुधवार को गुजरात के चतुर सिंह (50) और हरियाणा के ईश्वर सिंह यादव (65) के अलावा एक अन्य श्रद्धालु की मौत अलग-अलग स्थानों पर स्वास्थ्य बिगड़ने से हो गई। तीनों को तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हरियाणा की सुनीता हाईवे पर गिरकर घायल हो गई, वहीं मथुरा की पूजा सैनी और नागपुर की मनीषा भी भीड़ में गिरकर बेहोश हो गर्इं। तीनों को अस्पताल पहुंचाया गया है। मंगलवार की भगदड़ में भी 10 अन्य श्रद्धालु घायल हुए थे। इनमें कुछ की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है।
प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी, ट्रैफिक डायवर्जन फेल-
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने ट्रैफिक डायवर्जन की योजना बनाई थी, लेकिन वह पूरी तरह फेल साबित हुई। इंदौर-भोपाल हाईवे पर 6 घंटे तक जाम लगा रहा। वाहन रेंगते रहे और श्रद्धालु फंसे रहे। स्थानीय लोगों और ट्रांसपोर्टर्स ने प्रशासन की तैयारी पर सवाल खड़े किए। कांवड़ यात्रा के दौरान बस, ट्रक सहित अन्य बड़े वाहन लगातार निकलते रहे, जबकि यहां से डायवर्सन किया गया था, लेकिन यह पूरी व्यवस्था फेल साबित हुई।
कलेक्टर-एसपी ने दी सफाई, मौत को बताया प्राकृतिक-
सीहोर कलेक्टर बालागुरु के. और एसपी दीपक शुक्ला ने बुधवार को बयान जारी कर तीनों श्रद्धालुओं की मौत को स्वास्थ्य कारणों से हुई प्राकृतिक मौत बताया। प्रशासन ने कहा कि कोई भगदड़ नहीं हुई, बल्कि दोनों की हालत पहले से ही खराब थी। हालांकि यह बयान श्रद्धालुओं और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुभवों से मेल नहीं खाता। सीवन नदी घाट से कुबेरेश्वर धाम तक पुलिस बल और स्वयंसेवक लगातार तैनात रहे। नदी किनारे माइक से लगातार घोषणाएं की जाती रहीं, फिर भी इतनी विशाल भीड़ को संभालना मुश्किल साबित हुआ। हर मोड़ पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। जिला प्रशासन के इंतजाम नाकाफी साबित हुए। यात्रा से संबंधित सभी व्यवस्थाओं का प्रभारी एसडीएम तन्मय वर्मा को बनाया गया था।
दो महिलाओं की मौत के मामले में मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
सीहोर जिले के चितावलिया हेमा स्थित कुबेरेश्वर धाम में गत दिवस रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ मचने से दो महिला श्रद्धालुओं की मृत्यु होने की घटना को लेकर मानवाधिकार आयोग ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर संज्ञान लिया है। इस मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सीहोर से मामले की जांच कराकर भीड़ प्रबंधन की क्या व्यवस्था थी, घायलों के इलाज में क्या कार्यवाही की गई, मृतकों को क्या आर्थिक सहायता दी गई, इस संबंध में जांच प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने कहा है कि जांच प्रतिवेदन 15 दिनों में प्रस्तुत करें।