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तीन सिस्टम एक्टिव, एक सप्ताह तक जारी रहेगी बारिश, हवा एवं ओेलावृष्टि

- मूूंग का घट सकता है उत्पादन, किसानोें की बढ़ी चिंता, प्याज, लहसून की फसल को भी नुकसान

सीहोर। तीन सिस्टम एक्टिव होने के कारण बारिश, हवा एवं ओलावृष्टि का दौैर फिलहाल एक सप्ताह तक जारी रहेगा। प्रदेशभर सहित सीहोेर जिलेे मेें भी इसका असर रहेगा। अब लगातार बारिश के कारण किसानोें की मूंग की फसल कोे भी नुकसान होने लगा है। किसानोें की प्याज एवं लहसून भी अत्यधिक बारिश के कारण खराब हो गई है। ऐसे में किसानोें की चिंता भी बढ़ने लगी है। बारिश का दौैर गुरूवार को भी जारी रहा। जिले केे कई स्थानोें पर तेज बारिश हुई। इससे पहले बुधवार कोे जिले के भैरूंदा में सबसेे ज्यादा 44.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
आरएके कॉलेज के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर ने बताया कि अभी उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है, जबकि एक ट्रफ लाइन साउथ वेस्ट एमपी से नॉर्थ तमिलनाडु तक गुजर रही है। तीसरे सिस्टम का असर चक्रवात के रूप में देखने को मिल रहा है, जो साउथ छत्तीसगढ़ पर बना है। इस कारण गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। 8 मई तक जिले में कहीं-कहीं हल्की बारिश जारी रहेगी। बादल भी छाए रहेंगे। वहीं, अगले 2-3 दिन तक तेज बारिश, 40 से 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवाएं और ओलावृष्टि का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि अभी 4 दिन और ऐसा ही मौसम रहेगा। सीहोर जिले में बीते 24 घंटे के दौरान अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
नहीं बढ़ेेगा तापमान, मौसम रहेगा सर्द-
मौसम वैज्ञानिक तोमर ने बताया कि आमतौर पर मई के पहले सप्ताह में तापमान एवरेज 41-42 डिग्री के बीच रहता है, जबकि वर्तमान में यह 32-33 डिग्री के बीच है। यानी 9 से 10 डिग्री तक टेम्प्रेचर लुढ़क गया है। 8 मई तक जिले में मौसम बदला रहेगा। इसके बाद ही तापमान में बढ़ोतरी होगी। इसके चलते 15-20 मई तक तो प्रदेश में हीट वेव यानी गर्म हवाएं और तेज गर्मी पड़ने की संभावना कम ही है।
ओलावृष्टि-बिजली गिरने को लेकर यह एडवाइजरी-
मौसम विभाग ने ओलावृष्टि होने और बिजली गिरने को लेकर एडवाइजरी भी जारी की है। लोगों का सलाह दी गई कि वे बिजली चमकने और ओलावृष्टि होने के दौरान जरूरी ऐहतियात बरतें। घर के अंदर रहे, खिड़कियां और दरवाजे बंद करें। संभव हो तो यात्रा से बचें। सुरक्षित आश्रय लें, पेड़ों के नीचे खड़े नहीं हों। क्रांकीट के फर्श पर न लेटें और दीवारों का सहारा न लें। उन सभी वस्तुओं से दूर रहें, जो बिजली का संचालन करती हो। यदि फसल खेत या खलिहान में रखी हो, तो उसे किसान बाहर निकाल लें।
मूंग, प्याज, लहसून की फसलों को नुकसान-
सीहोर जिले में एक अनुमान के मुताबिक करीब 70 हजार से अधिक हेक्टेयर में किसानों ने मूंग की फसल लगाई है। मूंग की फसल के लिए शुरूआत में गिरा पानी तो फायदेमंद था, लेकिन अब लगातार बारिश से मूंग की फसल खराब होने लगी हैै। जिन खेतोें में जलभराव होता है वहां की मूंग गलने लगी हैै। इसी तरह किसानोें की प्याज, लहसून भी अब ज्यादा बारिश के कारण खेतोें मेें ही खराब हो गई हैै। किसानों की प्याज, लहसून की खुदाई चल रही थी, लेकिन लगातार बारिश के कारण वेे अपनी प्याज, लहसून निकाल भी नहीं पाए। उपर से ओलावृष्टि भी हो गई।
कृषि विभाग ने दी किसानों को सलाह-
कृषि विभाग सीहोेर के उप संचालक केके पांडे ने किसानोें कोे सलाह दी है कि जिन किसानों ने मूंग की फसल लगाई है वे किसान अपने खेतोें में जलभराव न होने देें। जलभराव होने के कारण मूंग की फसल कोे नुकसान होगा। उन्होेंने कहा कि मूंग की फसलों का सर्वेे भी कराया जा रहा हैै।

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