
सीहोर। सीहोर जिले सहित देशभर में हो रहे धर्मांतरण के मामलों को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच लगातार कार्य कर रहा है। इसी को लेकर सीहोर में भी आदिवासियों का जमावड़ा लगा। रविवार को जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले सीहोर के टाउन हॉल प्रांगण में एकत्रित हुए आदिवासी समाज के लोगों को डीलिस्टिंग के बारे में बताया गया एवं उन्हें समझाया गया कि उन्हें किसी के बहकावे में नहीं आना है। इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत में आदिवासी महानायक टंट्या भील सहित अन्य महानायकों के चित्रों पर माल्यार्पण किया गया।
आदिवासी नेताओं ने दी सीख-
सीहोर के टाउन हॉल प्रांगण में आयोजित महारैली के दौरान मंच से आदिवासी नेताओं ने उपस्थित जनसमूह को जहां डीलिस्टिंग के बारे में बताया तो वहीं उन्हें समझाया गया कि उन्हें किसी के बहकावे में आकर धर्म एवं जाति परिवर्तन नहीं करना है। अब जो भी आदिवासी भाई-बहन धर्म परिवर्तन करेंगे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल सकेगा।
क्या है डीलिस्टिंग अभियान-
आदिवासी समाज के लोग धर्म परिवर्तन करके ईसाई एवं मुस्लिम धर्म अपना रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें लाभ आदिवासी समाज के ही मिल रहे हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ भी उन्हें मिल रहा है। इसके लिए जनजाति सुरक्षा मंच मांग कर रहा है कि जो भी लोग धर्म परिवर्तन करके दूसरा धर्म अपना रहे हैं उन्हें आदिवासी समाज की सूची से बाहर किया जाए और उन्हें मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं दी जाए। इसी को लेकर डीलिस्टिंग के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
संसदीय समिति को भी दिया था प्रस्ताव-
प्रमुख मार्गों से निकाली गई महारैली-
जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा सीहोर में महारैली भी निकाली गई। इससे पहले सुबह टाउन हॉल प्रांगण में आदिवासी समाज के लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर तक लोग एकत्रित हुए। इस दौरान यहां पर संबोधन कार्यक्रम चलता रहा। दोपहर बाद टाउन हॉल से महारैली की शुरूआत हुई, जो बस स्टैंड से होते लिसा टॉकीज चौराहा होते हुए वापस टाउन हॉल के पास पहुंची।
भाजपा नेताओं ने भी दर्ज कराई उपस्थिति-