सीहोर। सीहोर के बहुचर्चित आयशा इण्डस्ट्री अग्नि दुर्घटना मामले में प्रधान सत्र न्यायाधीश अमिताभ मिश्र द्वारा आरोपी कमर गौरी को धारा 304 ए के तहत दोषी ठहराते हुए रेखाबाई की मृत्यु के संबंध में दो वर्ष के कठोर कारावास एवं एक लाख रुपए के अर्थदण्ड से तथा गफ्फार खां की मृत्यु के संबंध में भी दो वर्ष के कठोर कारावास एवं एक लाख रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। लोक अभियोजक एवं शासकीय अभिभाषक शरद जोशी ने बताया कि थाना कोतवाली सीहोर के अपराध क्रमांक 419/2022 पर पंजीबद्ध सत्र प्रकरण क्रमांक 163/2022 शासन विरुद्ध अल अशरफ व कमर गौरी मामले में यह सजा दी गई। उल्लेखनीय है कि सीहोर के बहुचर्चित आयशा इण्डस्ट्री में 23 मई 2022 को सुबह लगभग 9 बजे राकेश परमार द्वारा पुलिस को सूचना दी गई कि उसे घर पर विस्फोट की आवाज सुनाई दी। बाहर निकल कर देखा तो आयशा इण्स्ट्रीस फैक्ट्री में आग लगी दिखी। वह दौड़कर गया तथा अन्य लोग भी वहां आ गए और आग बुझाने लगे। फैक्ट्री के अन्दर रेखाबाई तथा गफफार खाँ थे, जो आग लगने के कारण बाहर नहीं निकल पाए और फैक्ट्री के अन्दर ही उनकी मृत्यु हो गई। इस सूचना पर मर्ग कायम किया गया और जांच में यह पाया गया कि आयशा इंडस्ट्रीज फैक्ट्री के प्रबंधक अल अशरफ गौरी तथा कारखाना अधिभोगी कमर गौरी द्वारा कारखाने में निर्माण के दौरान सुरक्षा उपायों की अनदेखी करते हुए कारखाने में अत्यन्त खतरनाक रसायन का श्रमिकों से उपयोग कराया जा रहा था। ऐसी असुरक्षात्मक परिस्थितियों में कभी कोई गंभीर दुर्घटना हो सकती थी, जिसमें श्रमिकों की मृत्यु होना संभव है।
सीहोर कोतवाली पुलिस द्वारा अल अशरफ गौरी तथा कमर गौरी के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर सीजेएम न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया। प्रकरण का कमीट किए जाने पर प्रकरण का विचारण प्रधान सत्र न्यायाधीश द्वारा किया जाकर यह निर्णय पारित करते हुए आरोपी अल अशरफ गौरी को दोषमुक्त किया गया तथा कमर गौरी को धारा 304 ए (दो काउण्ट) भा.द.वि. के अंतर्गत दोषी ठहराते हुए रेखाबाई की मृत्यु के संबंध में 2 वर्ष के कठोर कारावास एवं एक लाख रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।