
सीहोर। कोठरी स्थित प्रतिष्ठित वीआईटी कॉलेज में बीती रात लगभग 4000 छात्रों का गुस्सा, कॉलेज प्रबंधन पर घटिया भोजन और पेयजल उपलब्ध कराने के आरोपों के बीच हिंसक विरोध में बदल गया। छात्रों के आक्रोश ने परिसर में बड़े पैमाने पर तोडफ़ोड़ और आगजनी की। यह घटना हॉस्टल में कई छात्रों के कथित तौर पर पीलिया से पीडि़त होने के बाद सामने आई, जिसने कॉलेज में सुविधाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
छात्रों का आरोप है कि हॉस्टल/कॉलेज प्रबंधन द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे भोजन और पीने के पानी की गुणवत्ता बेहद खराब है। उनका दावा है कि इसी के कारण वे लगातार बीमार पड़ रहे हैं और कई छात्रों में पीलिया के लक्षण मिले हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ पीलियाग्रस्त विद्यार्थियों को गुपचुप तरीके से इलाज के लिए भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था। छात्रों ने प्रबंधन और हॉस्टल स्टाफ पर अनुचित व्यवहार और मारपीट करने की भी शिकायत की है।
कॉलेज में तोडफ़ोड़ और आगजनी
विरोध प्रदर्शन जल्द ही हिंसा में बदल गया। आक्रोशित छात्रों ने परिसर में भारी नुकसान पहुंचाया। कुछ वाहनों में आग लगा दी, हॉस्टल की खिड़कियों के शीशे और एक आरओ प्लांट को नुकसान पहुंचाया है।
प्रशासन ने संभाला मोर्चा, अवकाश घोषित
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आया। अनुविभागीय अधिकारी, एसडीओपी आष्टा सहित आष्टा, जावर, पार्वती और कोतवाली थानों से भारी पुलिस बल तत्काल मौके पर पहुंचा। आष्टा एसडीओपी आकाश अमलकर ने बताया कि अधिकारियों ने छात्रों से विस्तृत चर्चा की और उनकी समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया। फिलहाल स्थिति पूरी तरह सामान्य और नियंत्रण में है, लेकिन परिसर में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
मृत्यु की अफफवाहों पर प्रबंधन की सफाई
इस बीच वीआईटी के रजिस्ट्रार केके नायर ने एक वीडियो जारी कर कुछ मीडिया रिपोट्र्स में छात्रों की मृत्यु की खबरों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि यह खबरें बेबुनियाद हैं। नायर ने स्वीकार किया कि कुछ छात्रों में पीलिया के लक्षण मिले थे, जिनका इलाज कराया गया और उनकी हालत में सुधार है। उन्होंने जनता से भ्रामक जानकारी न फैलाने का अनुरोध किया।
आज होगी संयुक्त बैठक
प्रशासन मामले की तह तक जाने के लिए गंभीर है। आज छात्रों और कॉलेज प्रबंधन के बीच एक संयुक्त बैठक का आयोजन किया जाएगा। एसडीएम और एसडीओपी आष्टा सभी हॉस्टल के बच्चों से उनकी समस्याओं से जुड़े आवेदन और बीमार बच्चों की जानकारी एकत्र करेंगे।