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सीहोर के सत्य साई यूनिवर्सिटी में नर्सिंग छात्र-छात्राओं का हंगामा, बिना आईएनसी की मान्यता के दे दिए एडमिशन

तीन साल से नहीं मिली नर्सिंग छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप, बिना मान्यता के इस साल भी दे दिए 71 विद्यार्थियों को एडमिशन

सीहोर। सीहोर स्थित सत्यसार्इं यूनिवर्सिटी आॅफ टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंस में अध्ययनरत नर्सिंग के छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को विवि के कॉलेज परिसर में जमकर हंगामा किया। छात्र-छात्राओं का आरोप है कि जब सत्यसार्इं यूनिवर्सिटी आॅफ टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंस में इंडियन नर्सिंग कॉउंसिल (आईएनसी) की मान्यता ही नहीं थी तो फिर यूनिवर्सिटी में एडमिशन क्यों दिए गए। छात्र-छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया है कि पिछले तीन साल से प्रबंधन द्वारा गुमराह किया जा रहा है कि मान्यता आने वाली है, लेकिन अब तक मान्यता नहीं मिली है। तीन साल से छात्र-छात्राओं को स्कालरशिप भी नहीं दी गई है।
सीहोर के सत्यसार्इं यूनिवर्सिटी आॅफ टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंस में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि सत्य सार्इं विश्वविद्यालय को कई विषयों की मान्यताएं ही नहीं दी गर्इं हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है नर्सिंग का, जिसमें यूनिवर्सिटी के पास इंडियन नर्सिंग कॉउंसिल (आईएनसी) की मान्यता ही नहीं है। बिना मान्यता के ही यहां पर बच्चों का एडमिशन कर दिया गया। इस साल भी करीब 80 छात्र-छात्राओं का एडमिशन किया गया था, लेकिन बाद में 9 बच्चों ने एडमिशन नहीं लिया। वर्तमान में यहां पर नर्सिंग में 71 छात्र-छात्राएं प्रथम वर्ष में अध्ययनरत हैं तो वहीं द्वितीय वर्ष में 18 एवं तृतीय वर्ष में 4 स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं।
आईएनसी की टीम आई तो स्टूडेंट्स को ही बना दिया मरीज-
छात्र-छात्राओं का आरोप है कि उन्हें अब तक अस्पताल में ट्रेनिंग के लिए नहीं ले जाया गया। जब अस्पताल ले जाने का कहते हैं तो उन्हें डरा-धमका दिया जाता है। हद तो तब हो गई, जब आईएनसी की टीम कॉलेज का निरीक्षण करने के लिए आई तो कई छात्र-छात्राओं को ही मरीज बनाकर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया और आईएनसी की निरीक्षण टीम के सामने यहां के जिम्मेदारों ने छात्र-छात्राओं को ही मरीज बता दिया। हालांकि इसके बाद भी मान्यता नहीं दी गई है। इतना ही नहीं जब छात्र-छात्राएं मान्यता का पूछते थे तो उन्हें फर्जी मान्यता पत्र दिखाया जाता रहा, ताकि वे कोई हंगामा या शिकायत नहीं करें, लेकिन बाद में छात्र-छात्राओं को यूनिवर्सिटी की सारी कहानी पता चल गई और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।
तीन साल से नहीं मिली स्कॉलरशिप-
छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाया है कि यहां नर्सिंग की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को तीन साल से स्कॉलरशिप भी नहीं दी गई है। हर साल प्रबंधन द्वारा गुमराह किया जाता है कि इस बार आईएनसी की मान्यता मिल जाएगी, लेकिन तीन साल में अब तक नहीं मिली और न ही छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप दी गई है। छात्र-छात्राओं का यह भी कहना है कि उन्हें स्कॉलरशिप तो नहीं दी जा रही है, लेकिन फीस के लिए लगातार तकाजा किया जाता है। जब स्कॉलरशिप नहीं दी जा रही है तो फिर फीस क्यों वसूली जा रही है।
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, दो दिन की दी मोहलत-
सत्यसार्इं यूनिवर्सिटी आॅफ टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंस में पढ़ने वाले नर्सिंग के छात्र-छात्राओं ने कैंपस में हंगामा किया तो प्रबंधन द्वारा वहां पर पुलिस को भी बुला लिया गया। बाद में छात्र-छात्राएं कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। यहां पर एबीव्हीपी ने भी कॉलेज स्टूडेंट्स का समर्थन किया और कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर से मुलाकात की। इस दौरान एबीव्हीपी द्वारा कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है। इसमें कहा गया है कि सत्यसार्इं यूनिवर्सिटी के पास आईएनसी की मान्यता नहीं थी तो फिर एडमिशन क्यों दिए गए। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि जब छात्र-छात्राएं यूनिवर्सिटी प्रबंधन से मान्यता का पूछते थे तो उन्हें फर्जी मान्यता पत्र दिखाया जाता रहा है। इससे छात्र-छात्राएं गुमराह होते रहे। इस स्थिति के कारण यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को मानसिक रूप से भी परेशान होना पड़ा। एबीव्हीपी ने ज्ञापन सौंपकर नर्सिंग छात्र-छात्राओं को न्याय दिलाने की मांग की है और इस मामले में यदि जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है।

इनका कहना है-
सीहोर स्थित सत्यसार्इं यूनिवर्सिटी आॅफ टेक्नोलॉजी एंड मेडिकल साइंस में अध्ययनरत नर्सिंग के छात्र-छात्राओं को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है। यूनिवर्सिटी द्वारा बिना आईएनसी मान्यता के ही एडमिशन दिए गए हैं, जो उचित नहीं है। हमने दो दिन का समय दिया है। यदि दो दिनों में नर्सिंग के छात्र-छात्राओं की समस्याएं दूर नहीं हुई तो फिर से घेराव करेंगे और फिर आंदोलन भी शुरू किया जाएगा।
– शुभम व्यास, जिला संयोजक, अभाविप, सीहोर

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