
सीहोर। केंद्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री व विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर सहित उनके संसदीय क्षेत्र के बुधनी विधानसभा क्षेत्र में यूरिया खाद से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। किसान यूरिया खाद के लिए लंबी-लंबी लाइन लगाकर खड़े हुए हैं। इसके बाद भी उन्हें यूरिया खाद की उपलब्धता नहीं कराई जा रही है। इधर सीहोर जिले में कृषि विभाग दावा कर रहा है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक है। इसकी कोई कमी नहीं है, लगातार रैक लग रही है तो वहीं जिला प्रशासन ने जिले से बाहर होने वाले खाद के निर्यात पर प्रतिबंध लगाते हुए आदेश जारी किए हैं। यूरिया खाद की किल्लत को लेकर कांग्रेस ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ’हनुमानजी’ ने प्रदेश सरकार एवं केंद्रीय कृषि मंत्री पर तंज कसते हुए कहा है कि यूरिया की कमी का फायदा उठाते हुए खुले बाजार में खाद मनमाने दामों पर बेची जा रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री के अपने क्षेत्र में ही किसानों को खाद के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। लंबी कतार और संभावित भगदड़ से बचने के लिए किसान खुद के बजाय पासबुक की कतार लगाकर नंबर बनाए हुए हैं।
रेहटी-भैरूंदा तहसील में भारी संकट-
यूरिया की हो रही कालाबाजारी-
पिछले दिनों लाड़कुई के जैन कृषि सेवा केन्द्र पर किसान संघ और किसानों ने यूरिया खाद की कालाबाजारी करने का आरोप भी लगाया और सड़क पर उतरकर चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन भी किया। किसानों ने बताया कि ऐसा नहीं है कि निजी दुकानों पर यूरिया नहीं है। क्षेत्र की कई खाद बीज की दुकानों पर यूरिया मिल रहा है, परंतु 350 से 360 रुपए प्रति बोरी किसानों को देकर कालाबाजारी जारी है। किसान दुकानों पर यूरिया खाद लेने पहुंच जाए तो दुकानदार पहले तो खाद नहीं होने का हवाला देते हैं फिर 360 रुपए में एक यूरिया की बोरी के साथ 100 रुपए का जिंक या सल्फर भी टिकाते हैं।
विभाग का दावा, जिले में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है उर्वरक-
जिले की सीमा के बाहर उर्वरकों का निर्यात प्रतिबंधित-
जिले में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं किसानों को समय पर आवश्यक मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उर्वरकों का जिले से बाहर अनियमित रूप से स्थानांतरण एवं निर्यात प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिले के सभी उर्वरक आदान विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि जिले की राजस्व सीमा के बाहर उर्वरकों का निर्यात न किया जाए। यदि किसी विशेष परिस्थिति में उर्वरकों का जिले से बाहर स्थानांतरण आवश्यक हो तो कृषि विभाग के उपसंचालक से पूर्व स्वीकृति लेना अनिवार्य है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर विक्रेता के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।