
सीहोर। नशा, हुक्का पीने सहित महंगी चीजों के शौक ने नाबालिग को खुद के अपहरण के लिए ही विवश कर दिया। उसने दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण की योजना बना डाली और किडनैप होकर परिजनों से पांच लाख की फिरौती भी वसूल ली। पुलिस ने मामले में सक्रियता दिखाते हुए 15 घंटों में ही घटना का खुलासा कर दिया। पुलिस पूछताछ में सारी घटना सामने आई।
पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने घटना का खुलासा करते हुए जानकारी दी कि जिले के बिलकिसगंज में 23 मई को धीमान सिंह पिता अधीर देव आयु 55 वर्ष ने बिलकिसगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके छोटे भाई का 15 साल का बेटा घर से ललिता नगर भोपाल में कोचिंग जाने का कहकर निकला था। थोड़ी देर बाद उसके फोन से किसी अज्ञात आदमी ने नाबालिग के पिताजी के फोन पर कॉल किया और कहा कि उनका बेटा किडनैप हो गया है। अगर चाहते हो कि वह वापस घर आ जाए तो मुझे 5 लाख रुपए दे दो। फोन आने के बाद परिजन बेहद परेशान हुए और उन्होंने कृष्णा की तलाश की एवं उनके रिश्तेदारों से भी फोन लगाकर पूछा, लेकिन कहीं भी उसका पता नहीं चला। इसके बाद परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के बाद पुलिस टीम बनाकर नाबालिग की खोज शुरू की गई।
पुलिस ने दिखाई सक्रियता, किया मामले का खुलासा-
2 लाख की जरूरत थी, लेकिन पांच की मांग कर ली-
पुलिस पूछताछ में नाबालिग ने यह भी बताया है कि उसे केवल 2 लाख रुपए की जरूरत थी और उसने अपने दोस्तों से भी सिर्फ दो लाख रुपए की फिरौती मांगने को कहा था, लेकिन दोस्तों ने पांच लाख रुपए की फिरौती मांग ली। इस राशि में से वे 2 लाख रुपए देते और तीन लाख आपस में बांट लेते।
पहले ही हो गया था आभास-
पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने बताया कि इस मामले में हमने कॉल रिकॉर्डिंग और लोकेशन चेक किए थे, तभी हमें पता चल गया था कि नाबालिग ने खुद के अपहरण की साजिश रची है। बच्चे से पूछताछ की तो उसने भी जुर्म कबूल कर लिया। मामले में नाबालिग सहित राजेश ठाकुर निवासी वीरपुर कोलार डैम और सुनील दांगे निवासी भोपाल को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से रुपए बरामद कर लिए हैं। इस घटना के खुलासे में थाना प्रभारी बिलकिसगंज चिन्मय मिश्रा, थाना प्रभारी दोराहा केजी शुक्ला, थाना प्रभारी अहमदपुर शैलेन्द्र तोमर, सउनि सुभाष कटारे, आर. रोहन, अजय, योगेश, अर्पण की सराहनीय भूमिका रही।