
सीहोर। कलेक्टर बालागुरू के. की अध्यक्षता में आज जल उपयोगिता समिति की एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले में सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और जल संरक्षण की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की गई। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए जल वितरण व्यवस्था को नियंत्रित, पारदर्शी और समयबद्ध बनाने पर जोर दिया।
कलेक्टर बालागुरू ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नहर के अंतिम छोर के किसान के खेत तक पानी पहुंचे। उन्होंने कहा कि जल वितरण इस प्रकार किया जाना चाहिए कि हर किसान के खेत तक सिंचाई का पानी समान रूप से पहुंचे और कोई क्षेत्र असिंचित न रहे, जिससे किसानों को फसल उत्पादन में कोई कठिनाई न हो।
पेयजल प्रबंधन सर्वोच्च प्राथमिकता
कलेक्टर ने कहा कि जिले में पेयजल के लिए पानी का प्रबंधन सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में किया जाए। उन्होंने ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जल स्रोतों की नियमित निगरानीए मरम्मत एवं रखरखाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि जिले के किसी भी क्षेत्र में पेयजल संकट की स्थिति न बने। उन्होंने किसानों से भी पानी का संतुलित उपयोग करने और जल संरक्षण के प्रयासों में सहयोग करने की अपील की।
जलाशयों में जल भण्डारण क्षमता
बैठक में वर्ष 2025.26 के लिए जलाशयों में उपलब्ध जल भण्डारण क्षमता पर चर्चा की गई। जिले में जल संसाधन संभाग के अधीन कुल 289 सिंचाई योजनाएं निर्मित हैं (जिनमें 04 मध्यम परियोजना, 66 लघु सिंचाई तालाब, 10 लघु उद्वहन योजना, 01 नहर और 223 स्टापडेमध्बैराज शामिल हैं)। इन योजनाओं की कुल उपयोगी जल भण्डारण क्षमता 230.11 मिलियन घन मीटर मि.घ.मी. है। 13 अक्टूबर की स्थिति में 206.19 मि.घ.मी. जल संग्रहण हुआ है, जो कि 89.60 प्रतिशत है।
रबी फसल के सिंचाई लक्ष्यों का निर्धारण
समिति ने वर्ष 2025-26 में रबी फसल के सिंचाई लक्ष्यों का निर्धारण कर अनुमोदन किया। जिले की कुल 289 सिंचाई योजनाओं का सीसीए क्षेत्र 51,716 हेक्टेयर है। जल वाष्पीकरण और पेयजल हेतु जल मात्रा के आरक्षण को ध्यान में रखते हुए, जिले के अंतर्गत कुल 51,384 हेक्टेयर सिंचाई लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त जिले में कोलार बृहद परियोजना एवं बारना वृहद परियोजना से भी सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।