मौसम बना बेईमान, किसान हो रहे परेशान, मांगा मूंग का मुआवजा
- सीहोर जिले में 80 हजार 500 हेक्टेयर के रकबे में लगी है मूंग की फसल, रकबा बढ़ने की संभावनाएं
सीहोर-रेहटी। मध्यप्रदेश सहित सीहोर जिले में पिछले चार दिनों से हो रही बारिश के कारण मौसम में तो ठंडक घुल गई है, लेकिन यह मौसम किसानों के लिए संकट बनकर आया है। दरअसल इस समय जहां किसानों की फसलें खुले में पड़ी हुई हैं तो वहीं समर्थन मूल्य पर गेहूं की तुलाई का कार्य भी चल रहा है। किसानों ने इस समय मूंग की फसलें भी लगाई हुई हैं और लगातार बारिश के कारण किसानों का मूंग अब खराब होने की कगार पर पहुंच गया है। पिछले चार दिनों से जिलेभर में लगातार तेज हवा, आंधी के साथ में बारिश भी हो रही है। लगातार बारिश के कारण किसानों के खेतों में पानी भी भरा गया है। जिले की रेहटी, भैरूंदा एवं बुधनी तहसील में किसानों ने सबसे ज्यादा मूंग की बोवनी की है। जिलेभर में करीब 80 हजार 500 हेक्टेयर के रकबे में अब तक मूंग की बोवनी की गई है, वहीं यह रकबा बढ़ने की भी संभावना है, क्योंकि अभी बकतरा क्षेत्र में किसान मूंग की बोवनी कर रहे हैं। ऐसे में करीब दो से ढाई हजार हेक्टेयर का रकबा ओर बढ़ सकता है।
किसानों ने पानी दिया फिर उपर से भी गिरा-
किसानों ने मूंग की बोवनी करीब 12 से 15 दिन पहले ही की है। अभी कई किसानों ने मूंग में अभी पानी ही दिया था कि अब इंद्रदेव ने झमाझम बारिश कर दी। ऐसे में किसानों का मूंग खेतों में गलने लगा है। निचले हिस्से वाले खेतों में पानी भराव हो गया है, जिसके कारण भी मूंग की फसल खराब होने लगी है। कई किसान हैं, जिनके खेतों में पानी भरा गया है और अब उनकी फसल पूरी तरह खराब हो जाएगी।
मूंग में फंगस लगने का खतरा भी बढ़ा-
लगातार बारिश के कारण मूंग की फसल में फंगस लगने का खतरा भी बढ़ गया है। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो अब मूंग की फसल में फंगस लग सकती है तो वहीं अन्य कीटों का प्रकोप भी बढ़ सकता है। हालांकि कृषि विभाग ने भी किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसलों में जरूरी उपचार करते रहें, ताकि मूंग की फसल खराब न हो।
तेज हवा से बिजली भी बाधित-
पिछले करीब चार-पांच दिनों से सीहोर जिलेभर में लगातार तेज हवा, आंधी के साथ बारिश का दौर भी जारी है। पहले सीहोर में तो अब जिले के भैरूंदा, रेहटी क्षेत्र में भी जमकर हवा चली। इसके कारण जहां बिजली प्रभावित हुई तो वहीं कई जगह तार टूट गए। बिजली कंपनी का अमला इन्हें दुरूस्त करने में जुटा रहा, इसके लिए लोग रातभर घरों में बिना बिजली के रहे।
ओलावृष्टि के नुकसान से हुए सर्वे की मांग-
इधर भैरूंदा तहसील के कई गांवों में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई। ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों ने मुआवजा एवं सर्वे की मांग को लेकर भैरूंदा एसडीएस को ज्ञापन सौंपा एवं मुआवजा दिलाने की मांग भी की। ग्राम मजली के किसानों ने एसडीएम कार्यालय भैरूंदा पहुंचकर ज्ञापन सौंपा एवं मुआवजे की मांग की।
इनका कहना है-
सीहोर जिले में लगातार बारिश हो रही है। हालांकि किसानों का गेहूं कट चुका है और ज्यादातर गेहूं समर्थन मूल्य पर बिक चुका है। अब किसानों ने मूंग की फसल लगाई है, लेकिन बारिश से मूंग की फसल में ज्यादा नुकसान नहीं है, बल्कि ऐसे किसानों के लाभदायक हैं, जिनके पास पानी की कमी थी।
– केके पांडे, उप संचालक, कृषि, सीहोर
किसानों ने फसलों के नुकसान को लेकर सर्वे कराने की मांग की हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा पहले ही पटवारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि वे ओलावृष्टि एवं बारिश से हुए नुकसान का सर्वे करें।
– अर्पित गुप्ता, सहायक कलेक्टर, सीहोर