सीहोर पुलिस के लिए ‘सफलता का बुधवार’, 2 बड़े खुलासे, आरोपी गिरफ्तार
- बिलकिसगंज थाना व साइबर पुलिस टीम ने बैंकिंग धोखाधड़ी एवं थाना मंडी पुलिस ने किया डंपर चोरी का पर्दाफाश

सीहोर। जिला पुलिस के लिए बुधवार का दिन सफलता भरा रहा। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि जिले की बिलकिसगंज थाना व साईबर पुलिस टीम ने एक बैंकिंग धोखाधड़ी के मामले का खुलासा करते हुए 17 लाख 90 हजार रुपए नगद एवं कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जप्त करने के साथ ही आरोपी को गाजियाबाद (उप्र) से गिरफ्तार किया है। इसी तरह एक अन्य मामले में जिले की मंडी थाना पुलिस ने डंपर चोरी का खुलासा करते हुए डंपर बरामद किया है। डंपर चोर अभी पुलिस पकड़ से दूर है। आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस टीम जुटी हुई है। डंपर मालिक ने पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला, एएसपी सुनीता रावत सहित पुलिस व साईबर टीम का आभार माना है एवं उनका सम्मान भी किया है। इधर एसपी दीपक कुमार शुक्ला ने लोगों से अपील कि है कि वे अपने वाहनों में सेंटर लॉकिंग सिस्टम, स्टेयरिंग लॉक, व्हील लॉक एवं जीपीएस सिस्टम का उपयोग आवश्यक रूप से करें। इसके साथ ही अपने वाहन को सुरक्षित स्थान पर खड़ा करें, ताकि वाहन चोरी की घटनाओं को रोका जा सके।
सब्सिडी दिलाने के नाम पर खुलवाया खाता, फिर की धोखाधड़ी-
बैंकिंग धोखाधड़ी के आरोपी ने होम लोन पर सब्सिडी दिलाने के नाम पर पहले फरियादी से बैंक में खाता खुलवाया और फिर धोखाधड़ी कर दी। इस मामले में दिनांक 1 जून 2025 को फरियादी ओमप्रकाश पिता मदनलाल तिवारी उम्र 52 साल निवासी बिलकिसगंज ने थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनके पास फरवरी-2025 में मोबाइल नंबर 9811685386 से 9575349840 मोबाइन नंबर पर फोन आया, जिसमें बताया गया कि वे दिल्ली से बोल रहा है। होम लोन की 2,67,119 रुपए की सब्सिडी आनी है, जिसके लिए पहले एक्सिस बैंक में खाता खुलवाना पडेÞगा, जिसमें सब्सिटी के पैसे आएंगे व लोन भी लेना पड़ेगा। इसके लिए सभी डॉक्यूमेंट व्हाट्सएप पर भेज दो। इसके बाद फरियादी ने अपना आधार कार्ड, पेन कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो भेज दी। इसके बाद एचडीएफसी बैंक शाखा सीहोर से 31 मार्च 2025 को लोन लिया था, जो एसबीआई बैंक खाता में क्रेडिट हुआ। इसके बाद कॉलर ने लोन के पैसे एक्सिस बैंक खाते में डालने को बोला तो दिनांक 2 अप्रैल 25, 24 अप्रैल 25 और 2 मई 25 को 17 लाख 97 हजार 449 रुपए एसबीआई बैंक शाखा बिलकिसगंज से एक्सिस बैंक में आरटीजीएस कर दी गई। इसके बाद आरोपी ने खाते से किसी अन्य खाते में पूरी राशि ट्रांसफर कर ली। इस मामले में बिलकिसगंज थाना पुलिस द्वारा अपराध क्रमांक 71/2025 धारा 318(4), 338,336(3),340(2) बीएनएस पंजीबद्ध किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी दीपक कुमार शुक्ला के निर्देश, एएसपी सुनीता रावत एवं एसडीओपी सीहोर सुश्री पूजा शर्मा के मार्गदर्शन व थाना प्रभारी उप निरीक्षक संदीप मीणा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।
पुलिस जांच में आरोपी की लोकेशन मिली-
धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार शुक्ला ने बताया कि इस मामले में पुलिस जांच में आरोपी की लोकेशन गाजियाबाद (उप्र) की मिली। इसके बाद उनि सलीम खान के नेतृत्व में एक टीम को गाजियाबाद भेजा गया, जिसने आरोपी अफजल पिता स्व. मोहम्मद इलाही उम्र 32 साल निवासी यमुना विहार थाना भजनपुरा दिल्ली को पकड़ा। उसकी तलाशी लेने पर संदिग्ध के पास से 9 मोबाइल 10 सिम कार्ड, 13 एटीएम कार्ड एवं एक लेपटॉप मिला। आरोपी से अपराध के संबंध में पूछताछ करने पर उसने जुर्म करना स्वीकार किया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। आरोपी से और पूछताछ के लिए पुलिस ने न्यायालय से आरोपी का पुलिस रिमांड लिया गया। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक संदीप मीणा, उप निरीक्षक सलीम खान, अर्पण कुल्हारे, आनंद मीणा, साइबर सेल प्रभारी सुशील कुमार साल्वे, शैलेन्द्र, अभिषेक, अर्पित, तरुण की अहम भूमिका रही। सायबर फ्रॉड के फरियादी ने पुलिस टीम का फूल माला पहनाकर स्वागत किया एवं धन्यवाद दिया।
मंडी थाना पुलिस ने आरोपी को गुजरात से दबोचा-
थाना मंडी पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए चोरी गए डंपर वाहन को गुजरात राज्य से बरामद करने में सफलता प्राप्त की है। डंपर करीब 65 लाख रुपए का है। जानकारी के अनुसार दिनांक 5 जुलाई 2025 को फरियादी दिनेश पिता रोशनलाल मेवाड़ा निवासी रायपुरा जिला सीहोर ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनका 12 चक्का डंपर वाहन क्रमांकएमपी37जेडएफ7006 चोरी हो गया, जिसकी कीमत 65 लाख रुपए है। इस मामले में थाना मंडी सीहोर में अपराध क्रमांक 245/2025 धारा 303(2) बीएनएस कायम किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में 6 सदस्यीय विशेष टीम गठित कर जांच शुरू की गई। एसपी द्वारा अज्ञात आरोपियों की पतारसी के लिए 5 हजार रुपए का इनाम भी रखा गया। थाना प्रभारी निरीक्षक माया सिंह के नेतृत्व में गठित टीम ने घटनास्थल का सूक्ष्म निरीक्षण किया, तकनीकी साक्ष्य एवं सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से संभावित रूट को चिन्हित किया। टीम द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर डंपर के गुजरात राज्य की ओर जाने की पुष्टि हुई। मध्यप्रदेश व गुजरात के करीब 500 सीसीटीव्ही फुटेज देखे गए। 700-800 किमी तक वाहन को सफलतापूर्वक ट्रेस किया गया। गुजरात पुलिस की एसओजी (स्पेशल आॅपरेशन ग्रुप) टीम के सहयोग से आरोपियों को पकड़ने के प्रयासों के फलस्वरूप दबाब आने पर आरोपी डंपर को अहमदाबाद रोड हाइवे गोधरा गुजरात में छोडकर भाग गए। आरोपियों ने डंपर को बेचने की तैयारी में रंग व अन्य पहचान चिह्नों को बदलने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस की सूझबूझ और सतर्कता से डंपर बरामद कर लिया गया। हालांकि आरोपी अभी फरार है। पुलिस टीम आरोपियों को पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश भी दे रही है। इस कार्रवाई में निरीक्षक माया सिंह, उनि राकेश कुमार पंथी (विवेचक), अतुल सिंह, अनिल दोहरे, महेंद्र मेवाड़ा, नेपाल सिंह, शिवराज चंद्रवंशी, साइबर सेल प्रभारी सीहोर सुशील साल्वे, विवेक दांगी, शैलेन्द्र राजपूत, शैलेंद्र राठौर साइबर सेल भोपाल एवं गुजरात पुलिस एसओजी टीम का विशेष योगदान रहा। डंपर के मालिक ने पुलिस टीम का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया एवं धन्यवाद दिया।