भैरूंदा। सीहोर जिले के भैरूंदा में 39 करोड़ की लागत से सीवरेज लाइन का काम चल रहा है। इसके लिए अंडर लाइन खोदी जा रही है और पाइप बिछाए जा रहे हैं, लेकिन यह सीवरेज लाइन नगरवासियों के लिए सुविधा की जगह आफत बनती जा रही है। सीवरेज लाइन का काम करने वाली कंपनी अगेन गोवा द्वारा मुख्य सड़क सहित जगह-जगह पाइन लाइन बिछाने के लिए सड़कें खोदी गई हैं, लेकिन इन सड़कों की मरम्मत नहीं की गई। इसके कारण बने गड्डों में आए दिन वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। गत दिवस भी रेत का ट्राला इसके गड्डे में पलटी खाकर गिर गई। इससे पहले भी कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। मुख्य मार्ग के आसपास खोदी गई सड़कों के कारण आमजन भी परेशान है, क्योंकि यहां दुर्घटना होने से चक्काजाम भी आम हो गया है। उल्लेखनीय है कि भैरूंदा के 15 वार्डों में 39 करोड़ की लागत से सीवरेज लाइन प्रोजेक्ट का काम किया जा रहा है। कई जगह काम हो चुका है तो कई जगह चल रहा है। जहां काम पूरा हो चुका है वहां भी सड़कों की मरम्मत नहीं की गई है। जो लोगों के लिए समस्या का कारण बन रही है। सीवरेज लाइन के काम से पैदा हुई मुश्किलों को झेलने वाले नगरवासियों की इस तकलीफ को नगर परिषद अध्यक्ष मारुति शिशिर भली-भांति महसूस कर चुके हैं। उन्होंने भी जिम्मेदारों को निर्देशित किया है।
ठेकेदार द्वारा बरती जा रही लापरवाही –
पलट गया फिर एक ट्रक –
सीवरेज लाइन का काम कर रहे ठेकेदार द्वारा खोदे गए गड्डों को नहीं भरने के कारण यहां पर आए दिन वाहन पलट रहे हैं। बीती रात भी इस गड्डे में रेत से भरा ट्रक पलट गया। वह तो गनीमत रही कि उसके आसपास कोई नहीं था। यह एक मामला नहीं है, इससे पहले भी ऐसी घटना हो चुकी है।
बारिश से पहले नहीं हुआ काम तो होगी परेशानी-
जिस तरह से ठेकेदार द्वारा काम किया जा रहा है उससे लगता है कि यह काम बारिश से पहले खत्म नहीं होगा। यदि बारिश से पहले काम पूरा नहीं हुआ तो बारिश में ये गड्ढे आम लोगों के लिए ज्यादा परेशानी का कारण बन जाएंगे। उल्लेखनीय है कि शहर के सभी 15 वार्डों में 39 करोड़ की लागत से सीवरेज लाइन प्रोजेक्ट का काम किया जा रहा है। कई जगह काम हो चुका है तो कई जगह चल रहा है, लेकिन जहां काम पूरा हो चुका है वहां भी सड़कों की मरम्मत नहीं की जा रही है। जो लोगों के लिए समस्या का कारण बन रही है। सीवरेज लाईन के काम से पैदा हुई मुश्किलों को झेलने वाले नगरवासियों की इस तकलीफ को नगर परिषद अध्यक्ष मारुति शिशिर भी महसूस कर चुके। बदहाल स्थिति देखकर इसकी जल्दी मरम्मत करवाने के लिए जिम्मेदारों को निर्देशित किया गया है, लेकिन लंबा वक्त बीतने के बावजूद सड़क में सुधार नहीं किया गया है।