
सुमित शर्मा।
मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग कारपोरेशन का बोरी कैप गड़बड़ी एवं लापरवाही का केंद्र बना हुआ है। यहां के जिम्मेदारों के कारण हर वर्ष सरकारी खजाने को करोड़ों रूपए की चपत लगाई जा रही है। अब बोरी कैप में रखा हुआ हजारों क्विंटल गेहूं खराब हो गया है। यह गेहूं यहां पर तीन वर्षों से रखा हुआ हैै औैर बारिश में भीग गया। अब यहां के जिम्मेदारों द्वारा इस गेहूं को खपाने की तैयारी की जा रही है।
गड़बड़ी का केंद्र बना बोरी कैप-
अब खराब हुए गेहूं को बताया मानवरहित-
समर्थन मूल्य पर वर्ष 2019-20 में खरीदी करके रखा गया गेहूं जब बारिश में खराब हो गया तोे अब बोरी कैप प्रबंधक द्वारा पत्र लिखकर इस गेहूं को मानवरहित बता दिया गया है। अब इस गेेहूं को साफ करके इसे खपाने की तैयारी की जा रही है। इससे सरकारी खजाने को भी जमकर चपत लगेगी।
इनका कहना है-
तीन वर्ष पुराना गेहूं है, जो बारिश में भीग गया था। हालांकि गेहूं ज्यादा खराब नहीं हुआ है। इसकोे साफ करवाकर डिलेवरी कराएंगे। यहां पर जंगल होने के कारण जंगली जानवरों का भी प्रकोप रहता है, इसलिए भी गेहूं खराब हुआ है।
-डॉली राठौर, प्रबंधक, मप्र वेयर हाउसिंग कारपोरेेशन बोरी कैप, रेहटी