मुख्यमंत्री के गृह जिले आष्टा में तो चला बुलडोजर, बुधनी में कब चलेगा?
- बुदनी विधानसभा सहित जिलेभर में हैं ऐसे अवैध कब्जाधारी, जिन्होंने सरकारी जमीन एवं अन्य संपत्तियों पर जमा रखा है कब्जा
Sumit Sharma
सुमित शर्मा, सीहोर 9425665690
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले आष्टा में तो अवैध कब्जा हटाने के लिए बुलडोजर चला दिया गया है, लेकिन अवैध कब्जा सिर्फ आष्टा में नहीं है, बल्कि बुदनी विधानसभा सहित जिलेभर में हैं, जहां पर कई रसूखदारों ने सरकारी जमीन सहित अन्य सरकारी संपत्तियों पर कब्जा जमा रखा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद जिला प्रशासन जिलेभर में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की मुहिम चला रहा है। इस मुहिम के तहत अब तक सैकड़ों हेक्टेयर सरकारी जमीन कब्जामुक्त करा ली गई है। इसी कड़ी में राजस्व विभाग एवं पुलिस अमले ने मिलकर आष्टा में 0.450 हेक्टेयर शासकीय भूमि जिसकी कीमत लगभग 4 करोड़ रुपए है को भी मुक्त कराई है। आष्टा के अलीपुर में कांग्रेस नेता हिफर्जुर रहमान उर्फ भैय्या मियां के द्वारा 0.450 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर दुकान एवं आरा मशीन की लकड़िया पटकने के लिए बाउंड्री कर अमिक्रमण किया गया था। अतिक्रमणकर्ता के विरुद्ध राजस्व विभाग द्वारा विधिवत नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने के लिए कहा गया था। इसके बाद अतिक्रमणकर्ता द्वारा नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देने एवं स्वयं अतिक्रमण नहीं हटाने पर आष्टा तहसीलदार लाखन सिंह चौधरी सहित राजस्व विभाग की टीम एवं पुलिस अमला मौके पर पहुंचा और दो बुल्डोजर के साथ सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाया। हालांकि कांग्रेस नेता हिफर्जुर रहमान उर्फ भैय्या मियां की पहुंच भी बहुत लंबी थी। जैसे ही पुलिस और राजस्व अमले ने चार करोड़ रुपए की सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने बुल्डोजर खड़ा किया, कांग्रेस नेता ने मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव तक को मौके पर बुला लिया। प्रशासन का बुल्डोजर दुकान और 0.450 हेक्टेयर भूमि की बाउंड्रीवॉल तोड़कर पीछे भी नहीं हटा था, तब तक कांग्रेस नेता मौके पर पहुंच गए। विश्राम गृह में बैठकर कांग्रेस नेताओं ने कई घंटे अफसरों से चर्चा की, लेकिन बुल्डोजर पीछे नहीं हटा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में कांग्रेस नेता का रसूख चूर-चूर हो गया।
वर्षों से था अवैध कब्जा- इस जमीन पर कांग्रेस नेता पूर्व पार्षद हिफर्जुर रहमान उर्फ भैय्या मियां ने कब्जा कर रखा था। 0.450 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमणकर्ता ने न केवल पक्की दुकानें बना रखीं थी, बल्कि आरा मशीन की लकड़ियां पटकने के लिए बाउंड्रीवॉल भी बना रखी थी। पूर्व में इस अतिक्रमण की कई बार शिकायत हुई, लेकिन भैय्या मियां अपने रसूख और धन, बल की दम पर कब्जा किए रहे। बताया जा रहा है कि भैय्या मियां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, जब उनका अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन और पुलिस जेसीबी लेकर पहुंची तो पहले उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से खुद बात की, इसके बाद तहसीलदार लाखन सिंह चौधरी से दिग्विजय सिंह की बात कराई। तहसीलदार ने दिग्विजय सिंह को बताया कि अतिक्रमणकर्ता के पास जमीन के संबंधित कोई दस्तावेज नहीं हैं। हल्के विरोध के बाद भी प्रशासन ने दो जेसीबी से सरकारी जमीन पर बनी दुकानों और बाउंड्रीवॉल को तोड़ना शुरू कर दिया। एक साथ दो जेसीबी ने कुछ ही घंटे में दुकान जमीदोज कर दीं, प्रशासन की कार्रवाई चल ही रही थी, तभी कांग्रेस नेता पूर्व पार्षद भैय्या मियां के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा आष्टा पहुंच गए। कांग्रेस नेताओं ने तहसीलदारों को विश्राम गृह पर बुलाया, बातचीत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
जिलेभर में है सरकारी जमीनों पर कब्जा-
आष्टा के अलावा सीहोर जिले के अन्य क्षेत्रों में भी सरकारी जमीन पूरी तरह से रसूखदार लोगों एवं नेताओं के कब्जे में हैं। इन नेताओं ने जहां चरनोई भूमि पर कब्जा कर रखा है तो वहीं अन्य सरकारी जमीनों पर भी इन्हें अवैध कब्जा जमा रखा है। यदि राजस्व विभाग जिलेभर की जमीनों की पड़ताल करे तो हजारों एकड़ सरकारी जमीन पर रसूखदारों का अवैध कब्जा निकलेगा। यह स्थिति बुदनी विधानसभा में सबसे ज्यादा है। यहां पर बड़ी संख्या में सरकारी जमीनें हैं, लेकिन सब जमीनों पर लोगों ने एवं रसूखदारों ने अवैध कब्जा जमा रखा है। इसी तरह बुदनी विधानसभा में अन्य ऐसे भी अवैध कार्य करने वाले लोग हैं, जिन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। इनमें सभी कैटेगिरी के लोग शामिल हैं, जो कहीं न कहीं अवैध कार्यों से जुड़े हुए हैं।
इधर ग्राम महुआखेड़ा एवं झरखेड़ा में हटाया अतिक्रमण- जिले में लगातार भू-माफियाओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। ग्राम महुआखेड़ा से डेढ़ एकड़ शासकीय भूमि को एवं ग्राम झरखेड़ा में शासकीय निस्तार की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। ग्राम महुआखेड़ा में सुजानसिंह, रमेश, अवतार सिंह एवं ओमप्रकाश द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ था। ग्राम झरखेड़ा में प्रजापति समाज को मिट्टी निकालने के लिए आरक्षित भूमि पर रज्जाक खान द्वारा पक्का निर्माण कर अतिक्रमण किया गया था। पूर्व में पक्का मकान होने के बावजूद भी रज्जाक ने निस्तार की भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ था। अतिक्रमणकर्ता के विरुद्ध न्यायालय में प्रकरण दर्ज कर जुर्माने की कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के दौरान नायब तहसीलदार एसआर देशमुख सहित पुलिस दल उपस्थित था।