आष्टा। सृष्टि के कण-कण में भगवान भारत का कंकड़-कंकड़ शंकर मां पार्वती का जल-जल अमृत है। महादेव उसी मां पार्वती के किनारे में भगवान शंकर का निवास है और जहां भगवान निवास करते हैं उसे कहते हैं शिवालय। जहां भोला भूत भावन शंकर निवास करते हैं। उस स्थान को शिवालय कहते हैं। जिसके दर्शन मात्र से हमारे सभी पाप छूट जाते हैं। उक्त उद्गार नगर आष्टा में चल रही सप्त दिवसीय श्रीशिव महापुराण कथा के तृतीय दिवस कथा व्यास
महादेव के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं जाता-