अमृतसर। नई दिल्ली की तरह अब पंजाब में भी मुख्यमंत्री और राज्यपाल की ठन गई है। पंजाब के राज्यपाल बीएल पुरोहित ने राज्य में नशे की बढती लत पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति शासन की चेतावनी दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर कहा कि राजभवन द्वारा मांगी गईं जानकारियां सरकार की ओर से नहीं दी जा रही हैं। ये संवैधानिक कर्तव्य का अपमान है। मुख्यमंत्री के इस आचरण पर उनके पास कानून और संविधान अनुसार कार्रवाई करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता। गौरतलब है कि पंजाब में नशे के बढते चलन और युवा पीढी के इसके लपेटे में आने की वजह से यह राज्य पूरे देश में चर्चा का विषय बना है। राज्य की इस समस्या पर उडता पंजाब जैसी पिफल्म भी आई थी, इसके बाद से यह यहां का मुख्य राजनीतिक मुद्दा बना हुुुुआ है।
15 अगस्त को लिखा था पत्र
पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार है, जिसके मुखिया मुख्यमंत्री भगवंत मान हैं। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कहा है कि यदि उन्होंने राजभवन के पत्रों का जवाब नहीं दिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्यपाल ने 15 अगस्त को चार पेज का यह पत्र लिखा था, जो अब सामने आया है।
पत्र का ये है कच्चा चिट्ठा
1. पुरोहित ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि पंजाब में नशा चरम पर है। एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में दवा की दुकानों पर भी नशीले पदार्थ उपलब्ध हैं। राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित शराब की दुकानों में भी नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। हाल में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, NCRB और चंडीगढ़ पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन में लुधियाना से ड्रग्स बेचने वाले 66 शराब ठेकों को सील किया गया।
2. संसद की स्थायी समिति की हालिया रिपोर्ट बताती है कि पंजाब के अंदर हर 5 में से एक व्यक्ति नशे की गिरफ्त में है। यह तथ्य पंजाब में कानून-व्यवस्था के चरमराने की ओर इशारा करते हैं।
3. राज्य के अंदर ग्रामीणों ने भी बड़ी संख्या में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं और खुद को नशे से बचाने के लिए अपनी ग्राम रक्षा समितियां बनाने का फैसला किया है।
4. गर्वनर ने मुख्यमंत्री को ड्रग मामले पर राज्य सरकार की ओर से की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तुरंत उनके कार्यालय में भेजने के निर्देश भी दिए हैं।