
सीहोर। पर्यावरण को बचाने एवं नदियों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा एक नई पहल की गई है। पंडित श्री मिश्रा द्वारा निर्माल्य सामग्री एकत्रित करने के लिए वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है। अब यह वाहन सीहोर में घर-घर जाकर घरों से निकलने वाली पूजन सामग्री एकत्रित करेगा। इस सामग्री से जैविक खाद बनाई जाएगी।
पर्यावरण और आस्था को बचाने की विठलेश सेवा समिति के भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा की पहल सराहनीय है। मंदिर और घर से निकलने वाली पूजन सामग्री एवं फूल हार आदि के विसर्जन की समस्या को देखते हुए समिति ने निर्माल्य पूजन सामग्री वाहन का संचालन शुरू किया है। अभी तक निर्मल्य एवं पूजा सामग्री को कुएं, नदी बावडियों में विसर्जित करने की प्रथा रही है, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता था। अब भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा ने घर-घर जाकर ऐसी सामग्री एकत्रित करनी शुरू की है। इसके लिए वाहन भी चलाया गया है।
मंगलवार को शहर के पोस्ट आफिस चौराहे के समीपस्थ भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा ने निर्माल्य विसर्जन रथ को हरी झंडी दिखाते हुए बताया कि समिति के आह्वान पर पूरे देश में इस तरह के वाहन पूर्व से चल रहे हैं। शहर सहित आस-पास के स्थानों से पूजन सामग्री एकत्रित करने के लिए इस वाहन का शहर में भी शुभारंभ किया गया है। वाहन के साथ समिति की ओर से सेवा करने के लिए आधा दर्जन से अधिक सेवादार वाहन के साथ रहेंगे और पूरे आदर के साथ पूजन सामग्री डोर-टू-डोर एकत्रित करेंगे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि वाहन के शुरू होने से घरों और मंदिरों से निकलने वाली पूजन सामग्री और निर्माल्य को कुए बावड़ी या नदी नालों में प्रवाहित नहीं करना पड़ेगा। भगवान के निर्माल्य से हमारी आस्था जुडी हुई हैं, इसी वजह से हम कचरा गाड़ी में भी इसे नहीं डाल सकते। आस्था पर आघात न हो, इसलिए समिति ने शहर में ऐसे वाहन शुरू किए हैं जो डोर टू डोर कचरा गाड़ी की तरह घर-घर से पूजन सामग्री एकत्र करेंगे। मंगलवार की सुबह भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा के द्वारा वाहन का विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर शुभारंभ किया गया।
सप्ताह में दो दिन चलेगा वाहन-
उन्होंने बताया कि फिलहाल निर्माल्य विसर्जन रथ सप्ताह में गुरुवार और मंगलवार को शहर सहित आसपास के स्थानों पर चलेगा। मंगलवार को गुरुदेव के द्वारा इसका शुभारंभ किया गया था। वाहन शहर के विभिन्न मंदिरों के साथ डोर-टू-डोर पहुंचकर पूजन सामग्री एकत्रित किया। वाहन के द्वारा पहले दिन तीन दर्जन से अधिक मंदिरों में पहुंचा जहां पर मंदिर के पुजारियों और श्रद्धालुओं ने पूजन सामग्री आदर के साथ वाहन में रखी। समिति के लोगों ने क्षेत्रवासियों को बताया कि यह वाहन केवल पूजन सामग्री एकत्रित करने के लिए है।
पूजन सामग्री से बनाई जाएगी खाद-
पंडित श्री मिश्रा के मार्गदर्शन में समिति के द्वारा हमारे जल स्तोत्र को प्रदूषण से बचाने के लिए समिति की सराहनीय पहल है। इससे पूजन सामग्री का अपमान नहीं होगा और देवताओं पर अर्पित की गई सामग्री पैरों में नहीं जाएगी। अभी तो कुबेरेश्वरधाम पर एक बड़ा सा गढ्डा कर एकत्रित पूजन सामग्री की खाद बनाई जाएगी और उसके बाद आगामी दिनों पर मंदिर परिसर में पूजन सामग्री से अगरबत्ती और धूपबत्ती आदि बनाई जाएगी। मंगलवार से आरंभ हुए इस अभियान पर श्रीराधेश्याम विहार कालोनी के जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि नदियां और जलाशय हमारे मां-बाप हैं। उन्हें कभी भी गंदा नहीं करना चाहिए। धर्म शास्त्रों में भी नदियों को साफ स्वच्छ रखने की बात कही गई है। श्रद्धालुओं ने गुरुदेव की इस पहल का स्वागत किया है।