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महिला सरपंचों को प्रतिनिधि चुनने का मिले अधिकार, सरपंच एकता कल्याण संघ ने कहा आदेश वापस ले शासन

विधायक कार्यालय में सरपंच एकता कल्याण संघ की बैठक का आयोजन कर सौंपा समस्याओं को लेकर ज्ञापन

सीहोर। सरपंच एकता कल्याण संघ ने बैठक का आयोजन कर अपनी समस्याओं को लेकर विधायक सुदेश राय को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें सरकार के उस आदेश का विरोध किया गया है, जिसमें कहा गया है कि महिला सरपंच ही बैठकें आदि में शामिल हो सकेंगी उनके पति या प्रतिनिधि इसमें नहीं जा सकेंगे। सरपंच एकता कल्याण संघ के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष ऐलम सिंह दांगी ने बताया कि विधायक सुदेश राय को ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में आ रही समस्याओं के समाधान की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत के सीएसआर रेट 2016 के अनुसार है, जबकि सीमेंट, रेत, गिट्टी, लोहा आदि समस्त वस्तुओं की दर 2016 से लेकर अभी तक लगभग डेढ़ से दूगना हो गई है। इतने कम दर पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कराया जाना संभव नहीं है। पीएचई विभाग द्वारा सभी ग्रामों में नल-जल योजना का कार्य हो रहा है, जिससे ग्राम के अंदर जो भी सीसी रोड बने हुए थे, उन सबको क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इन सीसी रोड को ग्राम पंचायत को फिर बनाए जाने के निर्देश जारी करने का कष्ट करें, ताकि 2023 में जो विधानसभा चुनाव है उसमें विपक्ष इन सीसी रोड को खस्ताहाल होने का मुद्दा ना बना सके। ऐसे ही एक आदेश शासन द्वारा जारी किए गया है कि महिला सरपंच प्रतिनिधि ग्राम पंचायत की मीटिंग एवं अन्य विभागीय कार्यालयों जैसे कलेक्टर कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय, जनपद कार्यालय, तहसील, एमपीईबी, पीएचई विभाग आदि अन्य कार्यालय में महिला सरपंच का प्रतिनिधि नहीं जा सकते, ग्राम में अधिकतर महिलाएं अनपढ़ या कम पढ़ी-लिखी होती हैं। ग्राम पंचायत में बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं और ग्राम पंचायत के जनहितैषी कार्यों के लिए सरपंच को विभागों के बार-बार चक्कर लगाना पड़ते हैं, ऐसे में गांव की सीधी-साधी महिलाएं कार्यालयों के चक्कर नहीं लगा सकती।
उन्होंने ज्ञापन में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा कर सीएसआर रेट बढ़ाने एवं महिला सरपंच को अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार दिलवाने की मांग की है, ताकि ग्राम पंचायत के विकास कार्य एवं जनहितैषी कार्य समय पर पूर्ण हो सके।
गौरतलब है कि नए आदेश के तहत निकट संबंधी और रिश्तेदार पंचायतों की बैठकों में भाग ले रहे हों या उनके कार्यालय का कार्य संपादित कर रहे हों, ऐसी सूरत में उनकी सरपंची तक छीन जाएगी। नियम के उल्लंघन होने पर महिला वार्ड पंच, पंचायत समिति जिला परिषद सदस्यों के खिलाफ भी यही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। राज्य सरकार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पंचायत मुख्यालय में सरपंच को उपस्थित रहना होगा। राज्य सरकार के आदेशानुसार स्पष्ट किया कि सरपंच स्वयं प्रतिदिन तय समय में कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। यदि कुछ सरपंच लगातार तीन दिन तक कार्यालय से अनुपस्थित रहे तो पंचायत सचिव द्वारा इसकी लिखित सूचना विकास अधिकारी तथा जिला परिषद के नियंत्रण कक्ष में नोट कराई जाएगी। इस तरह के आदेशों से महिलाओं को इधर-उधर भटकना पड़ेगा। इस समस्याओं को लेकर सरपंच एकता कल्याण संघ की बैठक का आयोजन कर अपनी समस्याओं को अवगत किया गया है और महिला सरपंच को अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार देने की मांग प्रमुख रूप से की गई है। ज्ञापन देने वालों में सरपंच सोनम, सावित्री, ओमवति, ज्योति, राज मुन्नी, ममता बाई, वनदेवी आदि महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में सरपंच मौजूद थे। इस मौके पर विधायक सुदेश राय को नवनियुक्त जिलाध्यक्ष ऐलम सिंह दांगी ने संघ का दूसरी बार जिलध्यक्ष मनोनित होने का नियुक्ति पत्र भी सौंपा है।

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