Newsआष्टाइछावरइंदौरग्वालियरजबलपुरजावरनसरुल्लागंजबुदनीभोपालमध्य प्रदेशरेहटीसीहोर

विश्व पर्यटन दिवस : सीहोर जिले के पर्यटन स्थलों को सहेजने की जरूरत

विश्व पर्यटन दिवस : सीहोर जिले के पर्यटन स्थलों को सहेजने की जरूरत

सुमित शर्मा, सीहोर
9425665690
27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। विश्व पटल पर मध्यप्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश की सरकार लगातार प्रयासरत है, लेकिन सीहोर जिले के पर्यटन स्थलों को भी अब सहेजने की आवश्यकता है। सीहोर जिले के पर्यटन स्थल लगातार खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं, जबकि यहां के पर्यटक स्थलों का अपना एक इतिहास रहा है, अपनी एक पहचान रही है। अब इसको भी सहेजने की जरूरत महसूस होने लगी है।
सीहोर जिले में कई ऐतिहासिक महत्व के पर्यटन स्थल हैं तो कई धार्मिक पर्यटन स्थल भी हैं, जो देश-दुनिया में विख्यात हैं। दरअसल सरकार ने भोपाल स्थित हबीवगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति स्टेशन कर दिया है। इसके बाद उम्मीद जागी थी कि सरकार सीहोर जिले के देलावाड़ी में स्थित रानी कमलापति के महल गिन्नौरगढ़ के किले की भी सुध लेगी, लेकिन यह ऐतिहासिक किला आज अपनी दर्दशा बयां कर रहा है। यह ऐतिहासिक किला खंडहर में तब्दील हो रहा है, जबकि यदि किले एवं आसपास के क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए तो यहां पर कई युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे तो वहीं किले का इतिहास भी जीवित रहेगा। इसी प्रकार सीहोर जिले के सलकनपुर के पास स्थित सारू-मारू की गुफाएं एवं टपकेश्वर महादेव मंदिर भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकते हैं। हालांकि इसको लेकर सरकार के प्लानिंग तो की है, लेकिन अब तक यह कार्ययोजना जमीन पर नहीं उतारी गई है। सीहोर स्थित कुंवर चैनसिंह की समाधि, राबियाबाद कठोतिया, देवांचल देवगढ़ला सहित कई अन्य पर्यटन स्थल भी हैं, जिनको आज सहेजने की सख्त जरूरत है। दरअसल कहीं न कहीं इन पर्यटन स्थलों का अपना एक इतिहास रहा है, लेकिन आज की युवा पीढ़ी एवं आने वाली पीढ़ी के बीच में यह इतिहास गुम होता जा रहा है। उन्हें नहीं पता है कि सीहोर जिले में कितने पर्यटक स्थल हैं, इसके लिए जरूरी है कि इन्हें सहेजना होगा। पर्यटन स्थलों के साथ सीहोर जिले का व्यवसाय भी जुड़ा हुआ है।
सीहोर के वरिष्ठ पत्रकार एवं यहां के इतिहास के जानकार रघुवरदयाल गोहिया बताते हैं कि सीहोर जिले सहित संपूर्ण मध्यप्रदेश का पूरा परिवेश बदल रहा है। ऐसे में कहीं न कहीं परिवर्तन आया है। सीहोर जिले में कई ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल हैं, जिनका अपना इतिहास एवं पहचान रही है। अब इनको हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। वे कहते हैं कि निश्चित रूप से यदि पर्यटन स्थलों को सुरक्षित रखा जाएगा तो यह कहीं न कहीं सीहोर जिले के व्यवसाय को भी ऊंचाई देंगे। इसके लिए जागरूक नागरिकों सहित समाजसेवियों, राजनीतिक क्षेत्र के लोगों को भी सार्थक प्रयास करने होंगे, जिससे बदलाव आएगा। आज यह बदलाव सिर्फ सीहोर जिले में ही नहीं, बल्कि इससे संपूर्ण प्रदेश एवं देश में भी बदलाव देखने को मिलेगा। श्री गोहिया कहते हैं कि यदि पर्यटन स्थलों को इतिहास एवं पुरातत्व से भी जोड़Þ दिया जाए इससे हमारी युवा पीढ़ी को भी जहां इन पर्यटन स्थलों की जानकारी मिल सकेगी तो वे इनके इतिहास से भी रू-ब-रू हो सकेंगे। यदि सीहोर जिले के पर्यटन स्थलों को संरक्षित एवं सुरक्षित रखकर इनके लिए पैकेज तैयार किया जाए तो निश्चित रूप से तीन दिन तक पर्यटकों के लिए सीहोर जिला घूमने-फिरने की बेहद शानदार जगह साबित होगी।
ये हैं सीहोर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल
– गिन्नौरगढ़ का किला
– सारू-मारू की गुफाएं
– कुंवर चैनसिंह की समाधि
– सलकनपुर बिजासन धाम
– टपकेश्वर महादेव
– सीहोर स्थित गणेश मंदिर
– आॅल सेंट्स चर्च
– राबियाबाद कठोतिया
– देवांचल देवगढ़ला
– भौंरा
– रातापानी अभयारण
– नर्मदा नदी के तटस्थल

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button