
सुमित शर्मा, सीहोर
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27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। विश्व पटल पर मध्यप्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश की सरकार लगातार प्रयासरत है, लेकिन सीहोर जिले के पर्यटन स्थलों को भी अब सहेजने की आवश्यकता है। सीहोर जिले के पर्यटन स्थल लगातार खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं, जबकि यहां के पर्यटक स्थलों का अपना एक इतिहास रहा है, अपनी एक पहचान रही है। अब इसको भी सहेजने की जरूरत महसूस होने लगी है।
सीहोर के वरिष्ठ पत्रकार एवं यहां के इतिहास के जानकार रघुवरदयाल गोहिया बताते हैं कि सीहोर जिले सहित संपूर्ण मध्यप्रदेश का पूरा परिवेश बदल रहा है। ऐसे में कहीं न कहीं परिवर्तन आया है। सीहोर जिले में कई ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल हैं, जिनका अपना इतिहास एवं पहचान रही है। अब इनको हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। वे कहते हैं कि निश्चित रूप से यदि पर्यटन स्थलों को सुरक्षित रखा जाएगा तो यह कहीं न कहीं सीहोर जिले के व्यवसाय को भी ऊंचाई देंगे। इसके लिए जागरूक नागरिकों सहित समाजसेवियों, राजनीतिक क्षेत्र के लोगों को भी सार्थक प्रयास करने होंगे, जिससे बदलाव आएगा। आज यह बदलाव सिर्फ सीहोर जिले में ही नहीं, बल्कि इससे संपूर्ण प्रदेश एवं देश में भी बदलाव देखने को मिलेगा। श्री गोहिया कहते हैं कि यदि पर्यटन स्थलों को इतिहास एवं पुरातत्व से भी जोड़Þ दिया जाए इससे हमारी युवा पीढ़ी को भी जहां इन पर्यटन स्थलों की जानकारी मिल सकेगी तो वे इनके इतिहास से भी रू-ब-रू हो सकेंगे। यदि सीहोर जिले के पर्यटन स्थलों को संरक्षित एवं सुरक्षित रखकर इनके लिए पैकेज तैयार किया जाए तो निश्चित रूप से तीन दिन तक पर्यटकों के लिए सीहोर जिला घूमने-फिरने की बेहद शानदार जगह साबित होगी।
ये हैं सीहोर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल
– गिन्नौरगढ़ का किला
– सारू-मारू की गुफाएं
– कुंवर चैनसिंह की समाधि
– सलकनपुर बिजासन धाम
– टपकेश्वर महादेव
– सीहोर स्थित गणेश मंदिर
– आॅल सेंट्स चर्च
– राबियाबाद कठोतिया
– देवांचल देवगढ़ला
– भौंरा
– रातापानी अभयारण
– नर्मदा नदी के तटस्थल