साहित्यकार पंकज सुबीर को मिला धर्मवीर भारती शताब्दी सम्मान

सीहोर। जयपुर में आयोजित एक साहित्यक कार्यक्रम में सीहोर के प्रख्यात साहित्यकार पंकज सुबीर को धर्मवीर भारती शताब्दी सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन राही सहयोग संस्थान के द्वारा किया गया था। इसमें लघुकथा केन्द्र जयपुर और राजस्थान प्रोढ़ शिक्षा समिति भी सहयोगी थे। संस्था ने आयोजन दो सत्रों में आयोजित किया। इसमें पहले सत्र में लघुकथा पाठ और कविता पाठ किया गया। दूसरे सत्र में चवालीस पिंजरे तोड़ के भागा कैदी, बीते समय की रेखा, काहू की काठी धरा और गली कासिम जान किताब का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम का आयोजन सुबह साढ़े ग्यारह बजे राजस्थान प्रोढ़ शिक्षण संस्थान के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि मनीषा कुलश्रेष्ठ, दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, नरेश दधीचि, पारूक आफरीदी, विनोद भारद्वाज और नंद भारद्वाज उपस्थित रहे। साथ ही राही सहयोग संस्थान के अध्यक्ष कविता मुखर, लघुकथा शोध केन्द्र के निर्देशक साकार श्रीवास्तव, राजस्थान प्रोढ़ शिक्षा समिति के अध्यक्ष राजेन्द्र बोढ़ा के साथ बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं पाठक उपस्थित रहे।

अभा श्री धाकड़ महासभा युवा संघ के राष्ट्रीय सचिव बने राजेन्द्र नागर
अखिल भारतीय श्री धाकड़ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलसीराम नागर, अखिल भारतीय श्री धाकड़ महासभा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री समंदर पटेल व शीर्ष नेतृत्व की सहमति से अखिल भारतीय श्री धाकड़ महासभा युवा संघ के राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय नंदेड़ा द्वारा राजेंद्र नागर को अखिल भारतीय श्री धाकड़ महासभा युवा संघ के राष्ट्रीय सचिव मनोनित किया गया है। साथ ही आशा व्यक्त की गई है कि आप अखिल भारतीय श्री धाकड़ महासभा युवा संघ के इस कार्यकाल में समाज हित में अपना योगदान देंगे। मनोनयन किए जाने पर राजेंद्र नागर ने शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे जो महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसका मैं पुरी सक्रीयता के साथ निवर्हन करूंगा एवं समाज के उत्थान के लिये हमेशा प्रयासरत् रहुंगा। इनकी इस नियुक्ति पर धाकड़ समाज में हर्ष व्याप्त है। श्री नागर के मनोनयन पर बधाई व शुभकामनाऐं देने वालों में प्रमुख रूप से मुकेश नागर, विनोद नागर, हेमन्त नागर, गोलू नागर, सतीष नागर, कमलेश नागर, राधेश्याम नागर, पंकज नागर, जगदीश नागर, संतोष नागर, जितेन्द्र नागर आदि शुभचिंतक शामिल हैं।

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