मुस्कान अभियान में अव्वल रहे शाहगंज और दोराहा थाने, सीहोर पुलिस ने लौटाई 32 परिवारों को खुशियां

सीहोर। नवंबर के महीने में जिला पुलिस ने मुस्कान विशेष अभियान के तृतीय एवं अंतिम चरण में सफलता हासिल करते हुए 32 गुमशुदा नाबालिग बालिकाओं को सुरक्षित खोजकर उनके परिजनों से मिलवाया है। इस अभियान में शाहगंज थाना और दोराहा थाने ने लंबित गुमशुदगी के प्रकरणों का 100 प्रतिशत निराकरण कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा संचालित इस अभियान के तहत गठित विशेष टीमों ने न केवल प्रदेश के विभिन्न जिलों से बल्कि राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश जैसे 5 राज्यों से भी बालिकाओं को बरामद किया। जिला पुलिस की सक्रियता इतनी प्रभावी रही कि थाना बुधनी ने 4 साल तक पुराने मामलों को भी सफलतापूर्वक निपटा दिया, जिससे कई परिवारों को वर्षों बाद राहत मिली है।
प्रदर्शन में अव्वल रहे थाने
अभियान को प्रभावी बनाने के लिए कुल 58 प्रकरणों में पुलिस अधीक्षक द्वारा ईनाम उद्घोषणा की गई थी। इस दौरान थाना दोराहा और शाहगंज द्वारा लंबित प्रकरणों का 100 प्रतिशत निराकरण किया गया। वहीं थाना कोतवाली, आष्टा, बिलकिसगंज, भैरुन्दा, बुधनी और पार्वती ने 50 प्रतिशत से अधिक गुमशुदा बालिकाओं को खोज निकाला।
डर से छिपी बालिका
रेहटी थाना क्षेत्र की 17 वर्षीय बालिका एक युवक के साथ इंदौर गई थी, जहां युवक की दुर्घटना में मृत्यु हो गई। परिवार की नाराजगी के डर और बेसहारा होने के कारण बालिका अपनी पहचान छुपाकर इंदौर की मजदूर बस्ती में मजदूरी कर रही थी। पुलिस ने सितंबर में प्रकरण पंजीबद्ध कर तकनीकी लोकेशन, मुखबिर तंत्र और लगातार अनुसंधान के माध्यम से बालिका को खोजा। उसे भयमुक्त करने के लिए पुलिस ने परिवार और बालिका की गहन काउंसलिंग कराई, जिसके बाद उन्हें मिलवाया गया।
शादीशुदा मिस्त्री द्वारा अपहरण
थाना भैरुन्दा में एक शादीशुदा मिस्त्री (जो 10 वर्ष बड़ा था) ने नाबालिग को बहला फुसलाकर इंदौर ले जाकर झूठी शादी की और जबरन अवैध संबंध बनाए। पुलिस ने लगभग 150 सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण और तकनीकी निगरानी के आधार पर बालिका को सकुशल खोजा। आरोपी व सहयोगियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। पुलिस की सतर्कता एवं सक्रियता के चलते अच्छे परिणाम आए।



