राजनीतिक

5 कारण जिसके चलते मणिपुर में चला बीजेपी का जादू, दोबारा बनायी सरकार

नई दिल्ली
भारत में गुरुवार (10 मार्च) को 5 राज्यों के चुनाव नतीजे घोषित किये गये हैं जिसमें से 4 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने का काम किया है, जबकि पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने सभी का सफाया करते हुए 92 सीटों पर कब्जा जमाया है और अकेले सरकार बनाने का काम किया। इस दौरान बीजेपी यूपी में 250 से ज्यादा सीटों पर कब्जा जमाती हुई नजर आ रही है, तो वहीं पर उत्तराखंड में भी पहली बार लगातार दोबारा सरकार बनाने का काम किया है। वहीं गोवा में भी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और सरकार बनाने के लिये उसे एक सीट की दरकार है तो वहीं पर मणिपुर में भी बीजेपी ने सभी का सफाया करते हुए अपनी सरकार बनायी है।

पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी और मणिपुर में सबसे पार्टी के तौर पर काबिज थी लेकिन उसे दोनों ही राज्यों में अपनी बढ़त से हाथ धोना पड़ा है। ऐसे में आइये एक नजर उन 5 बड़े कारणों पर डालें जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी मणिपुर में अपनी सरकार बनाने में कामयाब हुई है।

सामाजिक संस्थाओं की ओर से राज्य के अलग-अलग हिस्सों में रुकावट खड़ी करने की कोशिश की गई लेकिन वो कुछ ही दिन में खत्म हो गये। इतना ही नहीं बीजेपी के कार्यकाल के दौरान लोगों को बमुश्किल ही किसी बड़ी हिंसात्मक घटना का सामना करना पड़ा जिसकी वजह से लोगों कों कर्फ्यू जैसी समस्याओं से जूझना नहीं पड़ा। यही वजह है कि लोगों ने बीजेपी को लगातार दोबारा मौका देने का फैसला किया। केंद्र में सरकार के होने का मिला फायदा केंद्र में सरकार के होने का मिला फायदा नॉर्थईस्ट भारत के छोटे राज्यों में एक ट्रेंड देखने को मिलता है कि वहां के राज्यों में वोट उसी पार्टी को मिलता है जिसकी सरकार केंद्र में होती है। यह ट्रेंड इन चुनावों में भी बीजेपी के लिये फायदेमंद साबित हुआ। बाकी राज्यों की तरह मणिपुर के लोगों का भी मानना है कि राज्य में उस पार्टी के लिये सरकार चलाना ज्यादा आसान हो जाता है अगर वो केंद्र में भी काबिज हो। इसके साथ ही बीजेपी की केंद्र सरकार की ओर से नॉर्थईस्ट को लेकर चलाये गये कैंपेन और संसाधनों का भी चुनाव में फायदा मिला।

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