राजनीतिक

कैलाश के हाथ से छूटा बंगाल… नहीं दिया कोई भी राज्य का प्रभार

भोपाल । कैलाश विजयवर्गीय को झटका लग गया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव होने के बावजूद पश्चिम बंगाल के प्रभार से मुक्त कर किसी ओर राज्य की जिम्मेदारी नहीं दी गई। राजनीतिक पंडित इस घटनाक्रम को कई मायनों में देख रहे हैं, जिसमें से कुछ तो डिमोशन मान रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 15 राज्यों के प्रभारी व सह प्रभारियों की सूची जारी कर दी है। इसमें पश्चिम बंगाल में बड़ा बदलाव किया गया। पिछले कुछ वर्षों से यहां पर कैलाश विजयवर्गीय प्रभारी हुआ करते थे, जिनके साथ में अरविंद मेनन सहप्रभारी की भूमिका निभा रहे थे। उनके स्थान पर मंगल पांडे को प्रभारी तो अमित मालवीय व आशा लकड़ा को सह प्रभारी बनाया गया। मेनन को भी बंगाल से हटाकर तेलंगाना राज्य का सहप्रभारी बनाया गया। राज्य बदलकर उन्हें जवाबदारी तो दी, लेकिन विजयवर्गीय को पूरी तरह से मुक्त कर दिया गया। गौरतलब है कि विजयवर्गीय विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही बंगाल नहीं जा रहे थे। कुछ दिनों पहले यूपी के संगठन महामंत्री को पश्चिम बंगाल सहित तीन राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, तभी संगठन ने बदलाव का इशारा कर दिया था। कुछ समय तक विजयवर्गीय खुद भी बंगाल का प्रभारी बने रहने की बात कर रहे थे, लेकिन पांडे की नियुक्ति उनके लिए करारा झटका है। हालांकि उनके समर्थक अब नए तर्क वितर्क के साथ में मैदान में हैं। कहना है कि प्रदेश में संगठनात्मक बड़ी जवाबदारी की तैयारी है। वे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के मुलाकात करने आने से उसे जोड़कर बता रहे हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने प्रभारी व सहप्रभारी की नई सूची जारी की। इसमें मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी अभी भी मुरलीधर राव को ही दी गई तो सह प्रभारी पंकजा मुंडे को बनाया गया। दोनों ही नेताओं की मेहनत पर राष्ट्रीय नेतृत्व ने मुहर लगा दी। हालांकि दूसरे सह प्रभारी विश्वेश्वर टूडू को हटाकर यूपी के सांसद रामशंकर कठेरिया को बनाया गया।

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