राजनीतिक

भाजपा और उद्धव सेना का गठबंधन बस एक कॉल दूर है! क्यों महाराष्ट्र की सियासत में लग रहे कयास

मुंबई
क्या उद्धव ठाकरे की शिवसेना और भाजपा के बीच फिर से दोस्ती होगी? महाराष्ट्र की सियासत में कुछ बयानों के चलते यह सवाल फिर से जोर पकड़ रहा है। एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने गुरुवार को कहा कि दोनों ओर से महज सम्मान की बात अटकी हुई है। एबीपी मराठी चैनल से बातचीत में दीपक केसरकर ने कहा, 'दोनों पार्टियों का गठबंधन सम्मान में फंसा हुआ है।' उन्होंने कहा कि मातोश्री और भाजपा के हाईकमान के बीच बातचीत ठप हो गई है। दोनों ओर से यही चल रहा है कि पहले फोन किसको करना चाहिए। वहीं सांसदों के भी एकनाथ शिंदे के समर्थन में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं सांसदों का प्रवक्ता नहीं हूं। मैं तो एकनाथ शिंदे का प्रवक्ता हूं, जिस दिन सांसद कुछ बोलने को कहेंगे तो उनकी बात करूंगा।

दीपक केसरकर ने कहा कि गुवाहाटी से हमने उद्धव ठाकरे से अपील की थी कि महा विकास अघाड़ी के साथ गठबंधन तोड़ दो। 50 विधायक वापस आ जाएंगे। लेकिन क्या गठबंधन टूट गया था? आज ऐसा लगता है कि अनजाने में ही सही यह टूट गया है। अब वह फैसला ले सकते हैं। दीपक केसरकर ने कहा, 'जब हम कल भाजपा के साथ जाने का फैसला करेंगे तो यह अकेले फैसला नहीं होगा, यह सामूहिक फैसला होगा। उस समय आपको भाजपा पर विचार करना होगा।' दीपक केसरकर के बयान पर अब तक उद्धव ठाकरे गुट की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया है।

हालांकि भाजपा के सीनियर नेता सुधीर मुनगंटीवार ने जरूर इस पर अपनी बात कही है। उन्होंने कहा, 'अब शिवसेना-भाजपा गठबंधन है। एकनाथ शिंदे शिवसेना के नेता हैं और उनके साथ के विधायक कह रहे हैं कि वह अभी भी शिवसैनिक हैं। इसलिए सरकार में शिवसेना-भाजपा का गठबंधन है। हम रोज एकनाथ शिंदे को बुलाते हैं। वह रोजाना फडणवीस के संपर्क में हैं। इसलिए, उद्धव ठाकरे को हमसे फोन करने का कोई सवाल ही नहीं है।' इस तरह मुनगंटीवार ने साफ कर दिया कि भाजपा की ओर से उद्धव ठाकरे से संपर्क करने का फिलहाल कोई प्लान नहीं है। वहीं मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा कि हमारी पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का ही फैसला सर्वोपरि होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button