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BJP नहीं चाहती रिस्क, 3 महीने में PM का छठा दौरा; कर्नाटक में क्या है मेगा प्लान

कर्नाटक : कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी एक बार फिर सत्ता पाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। बीजेपी हालांकि अपनी जीत को लेकर तमाम दावे कर रही हो लेकिन, सूत्रों के अनुसार पार्टी के अंदरखाने यह भी डर बना हुआ है कि उसके लिए इस बार कर्नाटक की राह आसान नहीं है।

प्रदेश में बीजेपी के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी का माहौल काफी तेज है। यही वजह है कि तीन महीने में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छठी बार कर्नाटक दौरा करेंगे। वे यहां 16000 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। इसमें बहुप्रतिक्षित बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे (Bengaluru-Mysuru Expressway) भी शामिल है।

कर्नाटक में बीजेपी 20 जुलाई 2019 से सत्ता में है। इस कार्यकाल के दौरान पार्टी को अपना मुख्यमंत्री चेहरा भी बदलना पड़ा। येदियुरप्पा की जगह पार्टी ने बसवराज बोम्मई को सत्ता की चाबी सौंपी। हालांकि बोम्मई के खिलाफ भी प्रदेश और मंत्रालय में विरोध के स्वर लगातार सामने आते रहे हैं। चुनाव नजदीक हैं और बीजेपी फिर से प्रदेश में सत्ता हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी प्रदेश में पूरा जोर लगा रही है। यही वजह है कि पीएम मोदी तीन महीने में ही छठी बार प्रदेश दौरा कर रहे हैं।

आज प्रधानमंत्री मोदी कर्नाटक दौरे पर होंगे और 16 हजार करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। इसमें बेंगलुरु से मैसूर एक्सप्रेसवे शामिल है। इस एक्सप्रेसवे से दूरी 3 घंटे से घटकर 75 मिनट हो जाएगी। पीएम मोदी उद्घाटन से पहले ट्वीट कर कह चुके हैं कि यह एक्सप्रेसवे कर्नाटक के विकास की नई कथा लिखेगा। जानकारी के अनुसार, दोपहर करीब 12 बजे प्रधानमंत्री बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस परियोजना में NH-275 के बेंगलुरु-निदाघट्टा-मैसूर खंड को 6 लेन का बनाना शामिल है। 118 किलोमीटर लंबी परियोजना को लगभग 8480 करोड़ रुपये की कुल लागत से विकसित किया गया है।

सर्वे रिपोर्ट से चौंकन्ना हुई बीजेपी
सूत्रों के अनुसार, फरवरी महीने में आरएसएस ने कर्नाटक को लेकर एक सर्वे रिपोर्ट बीजेपी को सौंपी है। इसमें ऐसा दावा किया जा रहा है कि चुनाव में बीजेपी 70 से 75 सीट जीत सकती है। जबकि, 224 सीटों में बहुमत के लिए किसी भी दल को 113 सीट जरूरी चाहिए। सीएम बोम्मई और प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील लोगों में भरोसा रखने में नाकाम नजर आ रहे हैं। ऐसे में आलाकमान ने पूरी जिम्मेदारी खुद संभाल ली है। बीजेपी का फोकस कर्नाटक की तरफ काफी बढ़ गया है। उधर, कांग्रेस अपने पुराने गढ़ कर्नाटक में सत्ता हासिल करने के लिए आक्रामक तेवर अपनाए हुए है।

बीजेपी के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी माहौल
जानकारों का मानना है कि कर्नाटक में बीजेपी के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी माहौल काफी बढ़ा हुआ है। दरअसल, बीते 3 मार्च को बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा के ठिकानों से 8 करोड़ रुपये कैश मिला था। उनके बेटे को लोकायुक्त ने 48 लाख रुपये की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया। कांग्रेस प्रदेश भर में बीजेपी के खिलाफ भ्रष्टाचार को आधार बनाकर प्रचार कर रही है।

येदियुरप्पा और पीएम मोदी की जोड़ी
हाल ही में येदियुरप्पा के जन्मदिन के मौके पर पीएम मोदी ने कर्नाटक पहुंचकर उन्हें बधाई दी थी। हाथों में हाथ लेकर चलते हुए उनकी तस्वीरें भी सामने आई थी। पीएम मोदी ने उस दौरान एक संबोधन में लोगों से येदियुरप्पा के सम्मान में मोबाइल फ्लैश लाइट जलाने का अनुरोध भी किया था। येदियुरप्पा की तरफ पीएम मोदी की अटेंशन यह दर्शाती है कि कर्नाटक चुनाव में येदियुरप्पा पार्टी के लिए अहम कड़ी साबित हो सकते हैं। लिंगायत समुदाय में येदियुरप्पा की पकड़ बीजेपी के लिए राह आसान बना सकती है। उधर, दूसरी ओर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगातार रैलियां करके पार्टी के खिलाफ माहौल को शांत करने की कोशिश में जुटे हैं।
 

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