राजनीतिक

राजस्थान में कांग्रेस को ‘दर्द’ देने की तैयारी में भाजपा!, सुभाष चंद्रा को राज्यसभा चुनाव में उतारा

 जयपुर
 
राजस्थान राज्यसभा चुनाव में सुभाष चंद्रा की एंट्री हो गई है। बीजेपी ने निर्दलीय सुभाष चंद्रा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। राजस्थान में उलटफेर की संभावना बढ़ गई है। भाजपा निर्दलीय उम्मीदवार के जरिए कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिश करेगी। राज्यसभा चुनाव में सुभाष चंद्रा की एंट्री से कांग्रेस को तीसरी सीट जीतने के लिए पसीना बहाना पड़ सकता है। निर्दलीय सुभाष चंद्रा को आरएलपी के 3 विधायक, बीटीपी के 2 और निर्दलीय विधायकों का सहारा है। हालांकि, अभी आरएलपी और बीटीपी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन माना जा रहा है कि आरएलपी संयोजक और नागौर सांसद सुभाष चंद्रा का समर्थन करेंगे। बीजेपी ने सुभाष चंद्रा का समर्थन कर तीसरी सीट के लिए मुकाबला रोचक बना दिया है। कांग्रेस को बाहरी उम्मीदवार बनाने का खामियाजा उठाना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा राज्यसभा चुनाव में भी सुभाष चंद्रा ने चतुराई से जीत दर्ज कर कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया था।

कांग्रेस की 2 सीट पक्की, लेकिन तीसरी सीट के लिए रोचक मुकाबला
विधानसभा में मौजूदा संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस 2 और बीजेपी की एक सीट पर जीत पक्की है। मुकाबला तीसरी सीट के लिए होगा। तीसरी सीट जीतने के लिए कांग्रेस को 123 विधायकों के समर्थन की आश्यकता पड़ेगी। बीजेपी ने सुभाष चंद्रा का समर्थन कर कांग्रेस के लिए दर्द बढ़ा दिया है। सुभाष चंद्रा आज नामांकन दाखिल करेंगे। कांग्रेस तीसरी सीट के लिए किसे उम्मीदवार बनाएगी। यह अभी पता नहीं चल पाया है। कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को उम्मीदवार बनाया है।

कांग्रेस के सामने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती
सुभाष चंद्रा को बीजेपी का समर्थन मिलने पर कांग्रेस को सेंधमारी का डर है। कांग्रेस को अपने विधायकों को एकजुट करने की चुनौती है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अब विधायकों की बाड़ेबंदी करेगी। कांग्रेस के पास 2 सीटों पर जीत के लिए बहुमत है लेकिन तीसरी सीट पर जीत के लिए उसे निर्दलीय विधायकों का सहारा लेना पड़ेगा। कांग्रेस के पास 108 विधायक, भाजपा के पास 71, निर्दलीय 13, आरएलपी 3, बीटीपी 2, माकपा 2 और आरएलडी के पास एक विधायक है। कांग्रेस को सभी 13 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन का ऐलान किया है। माकपा के 2 विधायकों का भी कांग्रेस के समर्थन मिल सकता है। ऐसे संकेत पार्टी के नेता प्रकाश करात ने हाल में दिए थे। आरएलडी के एक विधायक का समर्थन भी कांग्रेस को मिलेगा। संख्याबल के हिसाब से कांग्रेस के 3 सीट जीतने के आसार है, लेकिन जिस तरह पार्टी ने बाहरी उम्मीदवारों पर दांव खेला है। उससे क्राॅस वोटिंग की संभावना बढ़ गई है।  बीजेपी नेताओं का दावा है कि कांग्रेस के विधायक संपर्क में है। ऐसे में सीएम अशोक गहलोत के सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के विधायको को एकजुट करने की रहेगी।
 
बीजेपी कर सकती है कांग्रेस में सेंधमारी
बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के विधायकों के संपर्क में रहने का दावा किया है। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और पूर्व शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि कांग्रेस के विधायक उनसे संपर्क में है। दोनों नेताओं ने निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने का भी दावा किया है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। राजस्थान से ओमप्रकाश माथुर, केजे अल्फोंस, राम कुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर का कार्यकाल पूरा हो गया है। ये चारों सीटें भाजपा के पास थी। इनका कार्यकाल 4 जुलाई तक रहेगा।

कांग्रेस को भारी पड़ सकती है अपनों की नाराजगी
स्थानीय नेता को राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने पर कांग्रेस को अपने विधायकों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा और कांग्रेस विधायक भरतसिंह ने खुलकर नाराजगी भी जता दी है। राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों के लिए कांग्रेस ने इस बार रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन स्थानीय उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से विधायकों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने तो खुलकर नाराजगी जाहिर कर दी है। ऐसे में कांग्रेस ने क्राॅस वोटिंग की आशंका में मद्देनजर पार्टी के सभी विधायकों और निर्दलीय विधायकों की बाडे़बंदी की तैयारी कर ली है।  तीनों प्रत्याशी  आज 31 मई को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। राज्यसभा के लिए 10 जून को मतदान होना है। कांग्रेस के आदिवासी विधायक किसी आदिवासी को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने की मांग कर रहे है।

 

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