राजनीतिक

भाजपा की निगाहें दक्षिण भारत की 129 लोकसभा सीटों पर

नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजा दी है। दक्षिण भारत के 5 राज्यों के सारथी तय कर दिए गए हैं। हिंदुत्व की पताका लेकर दक्षिण भारत के राज्यों में जीत हासिल करने के लिए रथ तैयार हैं।
दक्षिण भारत के राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जीत के लिए हिंदुत्व के ध्रुवीकरण को लेकर बड़ी रणनीति तैयार की है। स्थानीय भाषा एवं जाति समीकरण को हिंदुत्व के ध्रुवीकरण से तोड़कर भाजपा अपना2024 का अश्वमेघ यज्ञ दक्षिण के राज्यों से शुरू करेगी।
हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मिशन साउथ के रोडमैप को अंतिम स्वरूप दे दिया गया है। डेढ़ साल को तीन चरणों में बांटा गया है। तेलंगाना की कमान टीआरएस से टूटकर आए एटला राजेंद्र को दी गई है। केरल की कमान पीटी उषा, आंध्रा की कमान विजयेंद्र प्रसाद, कर्नाटक की कमान वीरेंद्र हेगड़े और तमिलनाडु की कमान इलैयाराजा को सौंपी गई है।
भाजपा यहां पर संघ की पृष्ठभूमि आए संगठन के प्रचारकों को बड़ी संख्या में मैदान में उतार रही है। वहीं गैर राजनीतिक और फिल्मी अभिनेताओं का जमावड़ा तैयार कर रही है। ताकि स्थानीय जनता को
वंशवादी और परंपरागत आधार से दूर करते हुए,उन्हें हिंदुत्व से जोड़ा जा सके। इसके लिए रणभूमि तेलंगाना बनाई गई है। जहां से पांचों राज्यों की जीत का अभियान पूर्ण होगा।
2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी किसी किस्म का जोखिम लेना नहीं चाहती है। उत्तर भारत के राज्यों में यदि उसे कोई नुकसान होता भी है। तो उसकी पूर्ति दक्षिण भारत के राज्यों से करने की रणनीति भाजपा ने तैयार कर ली है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को भी भाजपा संगठन ने गंभीरता से लिया है। अगले 18 महीने सत्ता और संगठन दोनों को इस युद्ध में झोंकने की तैयारी को अंतिम स्वरूप दे दिया है। भाजपा को विश्वास है कि दक्षिण भारत के राज्यों में उसकी हिंदुत्व की पताका सभी राज्यों में बड़ी तेजी के साथ फहराएगी।

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