केंद्र ने सौंपा 61 विधानसभा का जिम्मा, BJP संगठन के मंत्री-पदाधिकारी एक माह तक रहेंगे UP में
भोपाल
मध्यप्रदेश के 152 मंत्रियों, विधायकों, सांसदों, प्रदेश पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी यूपी उपचुनाव में प्रचार के लिए लगाई गई है। इन नेताओं के साथ उनके समर्थकों की टोली अलग से यूपी के घर-घर में चुनाव प्रचार में शामिल होने के लिए भाजपा प्रत्याशियों के संपर्क में रहेगी। इन सभी को यूपी के 15 जिलों की 61 विधानसभा में लगातार चुनाव प्रचार में रहना है। इसके चलते कई मंत्रियों और विधायकों की ड्यूटी लगाने का काम अगले दो दिनों में तेज हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की वापसी के लिए एमपी से सटे जिलों में नेताओं को चुनाव की कमान सौंपने के निर्देश बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने दिए हैं। इसके बाद प्रदेश भाजपा ने शिवराज कैबिनेट के मंत्रियों, प्रदेश पदाधिकारियों, विधायकों, सांसदों, जिला प्रभारियों और अन्य वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी चुनाव प्रचार में लगा दी है। कुशाभाऊ ठाकरे जन्मशताब्दी समारोह समिति के सचिव व पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल, विधायक कृष्णा गौर समेत दर्जन भर से अधिक नेताओं ने तो यहां चुनाव प्रचार के दो दौर की जिम्मेदारी भी निभाई है। अभी भी विधायकों, जिला अध्यक्षों, मंत्रियों की ड्यूटी लगाने का काम चल रहा है। खासतौर पर यूपी से सटे एमपी के जिलों वाले नेताओं को चुनाव प्रचार के लिए भेजने का निर्णय लिया गया है ताकि वे स्थानीय बोली में खुद को एडजस्ट कर चुनाव में अपनी भूमिका निभा सकें। जिन 15 जिलों में चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी एमपी के नेताओं को सौंपी गई है, उसमें हर जिले में और हर विधानसभा में दो-दो नेताओं की जिम्मेदारी तय की गई है।
जातीय समीकरण का भी ध्यान
पार्टी द्वारा यूपी से सटे बांदा, महोबा, कर्वी, प्रतापगढ़, इटावा, जालौन, आगरा, इलाहाबाद, कौशांबी, हमीरपुर, मिर्जापुर, झांसी, ललितपुर, सोनभद्र, भदोही समेत अन्य जिलों में एमपी से नेताओं की टीम भेजने का निर्णय लिया गया है। इसमें क्षेत्रीय और जातीय समीकरण के आधार पर वरिष्ठ नेताओं को भेजने की तैयारी भी है। इसकी रिपोर्ट भी केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जा रही है कि कौन से नेता यूपी जा रहे हैं।
शिवराज, विजयवर्गीय, नरोत्तम के दौरे अलग
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र कुमार खटीक, मंत्री नरोत्तम मिश्रा, अरविन्द भदौरिया के अलावा अन्य वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी इससे अलग लगाई गई है। ये चुनावी व्यवस्था संभालने के साथ चुनावी सभा को भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा 152 नेता लगातार 61 विधानसभा में जमे रहेंगे।