नवजोत सिद्धू की पार्टी में उलटी गिनती शुरू ?

चंडीगढ़
कांग्रेस ने पंजाब में पूर्व विधायक सुरजीत धीमान को 'पार्टी विरोधी' गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया है। खास बात है कि अमरिंदर राजा वडिंग को नया पंजाब प्रमुख नियुक्त करने के कुछ ही घंटों बाद यह कार्रवाई की गई है। धीमान को सिद्धू का करीबी माना जाता है। उन्होंने वडिंग को पार्टी की कमान देने पर सवाल उठाए थे। अब इस निष्कासन को उन नेताओं के लिए चेतावनी के तौर पर भी देखा जा रहा है, जो पार्टी के आदेशों का पालन नहीं करते हैं।
अमरगढ़ से पूर्व विधायक सुरजीत धीमान ने वडिंग को अनुभवहीन बताया था। उन्होंने कहा था कि वडिंग पर IYC अध्यक्ष रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उन्होंने यह भी कहा था कि सिद्धू जैसे ईमानदार नेता को स्वार्थों के चलते दूसरा मौका नहीं दिया गया। इतना ही नहीं उन्होंने वडिंग की नियुक्ति को पंजाब विरोधी कहा। कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीष चौधरी ने कहा कि है कि अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर सहन नहीं की जाएगी।
इधर, पंजाब कांग्रेस के प्रमुख वडिंग, कार्यकारी अध्यक्ष भारत भूषण आशु और डॉक्टर राजकुमार छब्बेवाल पार्टी नेताओं से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे। कहा जा रहा है कि पार्टी उन पूर्व विधायकों और नेताओं पर नजर रख रही है, जो सिद्धू को दूसरा कार्यकाल देने का समर्थन कर रहे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि संगठन के अलग-अलग मंचों पर विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन का विशलेषण करते हुए यह बार-बार सामने आया कि गुटबाजी और एकता की कमी हार का कारण बनी। ऐसे भी कई मौके आए जहां सीएम उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी और पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सिद्धू एक मत नजर नहीं आए। बातचीत में वडिंग ने कहा कि वह पंजाब में संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी के हर नेता और कार्यकर्ता को साथ लेकर चलेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वडिंग माझा ब्रिगेड समेत कई वरिष्ठ नेताओं की तरफ से कड़ी चुनौतियों का सामना करेंगे। वहीं, दो जाट नेताओं प्रताप बाजवा और राजा वडिंग नियुक्ति कर और आशु को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर हिंदू नेतृत्व को दूसरे नंबर पर धकेल दिया है।