राजनीतिक

एकनाथ खडसे और मुझे बताया गया असामाजिक तत्व, 60-67 दिनों तक हुई फोन टैपिंग: संजय राउत

मुंबई
शिवसेना सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि उनका और छह बार के विधायक एकनाथ खडसे का फोन 2019 में क्रमश: 60 और 67 दिनों तक टैप किया गया, इस बहाने कि वे "असामाजिक तत्व" हैं। अवैध फोन टैपिंग की कवायद तब की गई जब भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी रश्मि शुक्ला 31 मार्च, 2016 और 3 अगस्त, 2018 के बीच पुणे पुलिस की आयुक्त थीं। बाद में उन्होंने 2018 से 2020 तक राज्य के खुफिया विभाग (एसआईडी) आयुक्त का पद संभाला था। शुक्ला फिलहाल हैदराबाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (दक्षिण क्षेत्र) के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में तैनात हैं। इस साल फरवरी में शुक्ला के खिलाफ दर्ज एक प्राथमिकी के अनुसार, यह भी सामने आया है कि पूर्व सांसद नाना पटोले और संजय काकड़े सहित कम से कम चार अन्य राजनेताओं के निजी फोन को निगरानी में रखा गया था। पुणे पुलिस की ओर से 2017 और 2018 के बीच… इस ढोंग के तहत कि वे ड्रग डीलर और गैंग लॉर्ड थे और झूठे नामों का इस्तेमाल कर रहे थे।

'सरकार के गठन को लेकर हमारी जासूसी की गई'
राउत ने कहा, "चाहे मैं हूं, एकनाथ खडसे या नाना पटोले हों… हमें गलत तरीके से असामाजिक तत्वों के रूप में लेबल किया गया। रश्मि शुक्ला ने हमारे फोन टैप करने की इजाजत मांगी; फोन नंबर हमारे थे लेकिन नंबरों के सामने नाम कुछ ड्रग पेडलर्स, गैंग-रनर, असामाजिक तत्वों आदि के थे। इससे हमारी निजता भंग हुई, क्योंकि वे महाराष्ट्र के गठन के बारे में डेवलेपमेंट को जानने के लिए हमारी जासूसी करना चाहते थे।" फोन टैपिंग की घटना को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा, "जिस पुलिस अधिकारी से हम तटस्थ होकर काम करने की उम्मीद करते हैं, वह किसी नेता या पार्टी के प्रति वफादारी दिखाने का काम कर रहा था। अधिकारी को अब केंद्र की ओर से सुरक्षा दी जा रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।"

'ऐसे मामलों में अंतिम मंजूरी मुख्यमंत्री से मिलती है…'
वहीं, खडसे ने कहा, "मेरा फोन 67 दिनों तक एक अलग नाम से और इस बहाने से टैप किया गया कि मैं असामाजिक गतिविधियों में शामिल हूं। मेरा मानना है कि शुक्ला एक अधिकारी हैं और बिना आदेश प्राप्त किए उनके लिए फोन टैप करना संभव नहीं है। ऐसे मामलों में अंतिम मंजूरी मुख्यमंत्री से मिलती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा में रहते हुए भी मेरा फोन टैप किया गया। मामले की जांच होनी चाहिए और फोन टैपिंग का आदेश किसने दिया और क्यों… यह सब लोगों के सामने आने की जरूरत है।"

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