राजनीतिक

कांग्रेस के लिए मुश्किल होती जा रही तेलंगाना में लड़ाई, कई और विधायक जॉइन कर सकते हैं भाजपा

नई दिल्ली।
 एक साल के बाद विधानसभा चुनाव का सामना करने जा रहे तेलंगाना में ज्यों-ज्यों भाजपा अपने पैर जमाने की कोशिश कर रही है, त्यों-त्यों कांग्रेस के लिए घर संभालना मुश्किल होता जा रहा है। तेलंगाना राष्ट्र समिति अपनी सत्ता बरकार रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर ही रही है।

पिछले करीब एक सप्ताह में कांग्रेस के दो नेताओ ने पार्टी छोड़ी है। पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा देने वाले कोमटीरेडी राजगोपाल के बाद वरिष्ठ नेता दसोजू श्रवण ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कोमटीरेड्डी 21 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होंगे। श्रवण भी भाजपा में ही जा सकते है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, अभी कुछ और नेता व विधायक पार्टी छोड़ सकते है। यह नेता भाजपा में शामिल होते हैं तो विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन पर असर पड़ेगा। क्योंकि, भाजपा के चुनाव लड़ने से सत्ता विरोधी वोट विभाजित हो सकते है।

TRS में भी सेंधमारी की तैयारी
तेलंगाना भाजपा के प्रमुख बंदी संजय कुमार ने बीते गुरुवार को दावा किया है कि टीआरएस के 12 विधायक भगवा पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि मुनुगोड़े में ही नहीं बल्कि राज्य में कई सीटों पर उपचुनाव हो सकते हैं। अपनी 'प्रजा संग्राम पदयात्रा' के तीसरे दिन मीडिया से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि ये टीआरएस विधायक सत्तारूढ़ दल से इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे हैं। बीजेपी के मुखिया ने कहा कि कई टीआरएस विधायकों का मानना है कि इस सरकार में उनका कोई भविष्य नहीं है। टीआरएस सरकार के खिलाफ विद्रोह मजबूत हो रहा है।

आपको बता दें कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति को 88, कांग्रेस को 19 और भाजपा को सिर्फ एक सीट मिली थीं। विधानसभा में 119 सीटें हैं। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में चार सीटें हासिल की थीं, जबकि कांग्रेस को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं।

 

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