प्रशांत किशोर से नहीं बनी बात तो अब खुद ही जीत की तैयार करेगी कांग्रेस
नई दिल्ली।
तमाम कोशिशों के बावजूद एक बार फिर कांग्रेस और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के रास्ते अलग हो गए। पर वर्ष 2024 के चुनाव की कार्ययोजना को लेकर पिछले एक सप्ताह में हुई कई मैराथन बैठकों के जरिए प्रशांत कांग्रेस को उसकी कमजोरियों और ताकत दोनों का एहसास करा गए हैं। पार्टी इनको ध्यान में रखते हुए भविष्य की चुनौतियों से निपटने की रणनीति का खाका तैयार करेगी।
पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि प्रशांत किशोर भले ही साथ ना हो, पर हम अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश कर सकते हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस बहुत पुरानी पार्टी है। वह बदलावों से झिझकती है, पर अब वक्त आ गया है कि हम चुनौतियों से निपटने के लिए खुद को तैयार करेंगे। पार्टी अपनी कमजोरियों को दूर कर खुद को पुनर्जीवित करने की पूरी कोशिश करेगी।
राजस्थान के उदयपुर में होने वाले नव संकल्प चिंतन शिविर में संगठनात्मक बदलावों पर विस्तार से चर्चा होगी। चिंतन शिविर में संगठन पर चर्चा के लिए प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक को सौंपी गई है। एक नेता ने कहा कि शिविर में जिन मुद्दों को चर्चा के लिए चुना गया है, उनमें प्रशांत किशोर की लोकसभा चुनाव की कार्ययोजना का असर नजर आता है।
पार्टी मानती है कि प्रशांत किशोर के बगैर भी कांग्रेस को पुनर्जीवित किया जा सकता है। इसके लिए पार्टी को चुनौतियों से समझौतों के बजाए निर्णय लेने होंगे। एक नेता ने कहा कि प्रशांत ने अपनी कार्ययोजना में कोई नई बात नहीं बताई थी। पर उन्होंने किस तरह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जाए। संगठन और चुनाव रणनीति में हमारी कमजोरियों को समझाया है। पार्टी उन्हें दूर करने की कोशिश करेगी।