हरियाणा में कांग्रेस ने निकाली कलह की काट, एक साध सधेंगे दलित और जाट
नई दिल्ली चंडीगढ़
कांग्रेस ने पंजाब और हिमाचल की स्टेट यूनिट में बड़े बदलावों के बाद अब हरियाणा में समाधान की ओर बढ़ने का फैसला लिया है। दलित समुदाय से आने वाली नेता कुमारी शैलजा का हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा विरोध करते रहे हैं। लेकिन उनके प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद कांग्रेस के सामने नई चुनौती है। दरअसल वह दलित बिरादरी से आती हैं और उन्हें हटाए जाने पर समुदाय की नाराजगी का खतरा है। ऐसे में कांग्रेस ने एक बीच का रास्ता निकाल लिया है ताकि भूपिंदर सिंह हुड्डा और दलित समुदाय के मतदाताओं दोनों को साधा जा सके। बीते कुछ दिनों में हरियाणा को लेकर सोनिया गांधी के घर पर कई बार मीटिंग हो चुकी हैं। अब जल्दी ही नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हुड्डा को खुश करके पार्टी जाट समुदाय को तो साधना ही चाहती है, लेकिन वह शैलजा को हटाने का गलत संदेश भी नहीं देना चाहती। ऐसे में हुड्डा कैंप के नेता उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर लगभग सहमति बन चुकी है। वह चार बार के विधायक हैं और हुड्डा के करीबी हैं। इसके अलावा वह दलित नेता भी हैं। इस तरह से कांग्रेस दलित नेता कुमारी शैलजा को हटाने का डैमेज कंट्रोल भी कर लेगी और हुड्डा कैंप की मांग भी पूरी हो सकेगी। इसके अलावा पूर्व सीएम और गैर-जाट नेता रहे भजन लाल के बेटे कुलदीप विश्नोई भी कई बार दिल्ली आकर हाईकमान से मिल चुके हैं। ऐसे में उन्हें भी अहम रोल देने के कयास लग रहे हैं। वह आदमपुर सीट से विधायक हैं।
कुलदीप विश्नोई ने 24 अप्रैल को प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। इसके अलावा मंगलवार को कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मिलने पहुंचे थे। मुलाकात के बाद विश्नोई ने कहा था, 'मीटिंग बहुत अच्छी रही और मैं संतुष्ट हूं। लेकिन मुझे फिलहाल कुछ भी खुलासा न करने को कहा गया है।' अब भूपिंदर सिंह हुड्डा को हाईकमान की ओर से दिल्ली बुलाया गया है। इसके बाद फैसले का ऐलान हो सकता है। हरियाणा के प्रभारी विवेक बंसल ने भी वेणुगोपाल से मुलाकात की है। बंसल का कहना है कि हरियाणा में पार्टी हाईकमान ने कुछ कॉम्बिनेशंस पर विचार कर लिया है और जल्दी ही इस बारे में ऐलान किया जा सकता है।
पहले हुड्डा को ही मिला था अध्यक्ष बनने का ऑफर, पर नहीं माने
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हाईकमान की ओर से भूपिंदर सिंह हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन ऐसी स्थिति में उन्हें नेता विपक्ष का पद छोड़ना पड़ता। हुड्डा इसके लिए राजी नहीं हुए और अपने करीबी उदयभान को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रख दिया। हाईकमान की ओर से हरियाणा में एक प्रदेश अध्यक्ष और तीन कार्यकारी अध्यक्षों का ऐलान किया जा सकता है।