जिस तरह दीमक किसी वस्तु को छलनी कर देता है, उसी तरह संघ भी काम करता है: दिग्विजय सिंह
इंदौर : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना दीमक से की है। इंदौर में यूथ कांग्रेस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप एक ऐसे संगठन से लड़ रहे हैं, जो ऊपर से दिखता ही नहीं। जिस तरह दीमक किसी वस्तु को छलनी कर देता है, उसी तरह संघ भी काम करता है। उन्होंने आगे कहा कि अब उनके इस बोल के लिए उन्हें सबसे ज्यादा गाली भी मिलने वाली है।
RSS पर तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस से वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि दबे-छिपे काम करना संघ की विचारधारा है। मैं चाहता हूं कि RSS के लोग कई सवालों पर मुझसे बहस करें। तुम्हारा यानी संघ का संगठन है कहां? रजिस्टर्ड संस्था कहां है? ये केवल गुपचुप तरीके से काम करते हैं। दबे-छिपे काम करेंगे। खुलेआम कोई काम नहीं करेंगे। गुप्त रूप से बात करेंगे। कानाफूसी करेंगे। गलत बात फैलाएंगे। मैं संघ के लोगों से यह पूछना चाहता हूं कि संगठन के रूप में RSS ने क्या कभी कोई धरना दिया है? क्या कभी कोई आंदोलन किया है? कहीं किसी आम आदमी, किसान या मजदूर की लड़ाई लड़ी है? कभी नहीं लड़ेंगे। कभी ऊपर से नहीं आएंगे। वो हमेशा आपके घर में आएंगे। आपसे कहेंगे- भाई साहब, आपने बहुत दिन से चाय नहीं पिलाई है। चाय तो पिलाइए। भोजन तो करा दीजिए। यह लोग ऐसे ही विचारधारा को फैलाते हैं।
दिग्विजय सिंह ने युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इतनी बात समझ लें तो आप इनसे लड़ सकेंगे। संघ से कैसे लड़ेंगे? यह तो कोई रजिस्टर्ड संस्था ही नहीं है। इसकी कोई सदस्यता ही नहीं है। इसका कोई अकाउंट ही नहीं है। संघ का कोई व्यक्ति आपराधिक कार्य में पकड़ा जाता है तो कहते हैं कि यह तो हमारा सदस्य ही नहीं है। जब आपका संगठन रजिस्टर्ड ही नहीं है तो हम बताएंगे कैसे कि कोई व्यक्ति इसका सदस्य है।
दिग्विजय सिंह ने बीजेपी और संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि हजारों साल से हिंदू धर्म है लेकिन उस पर कभी खतरा नहीं आया लेकिन अब न जाने कहां से वह खतरे में पड़ने लगा है। दिग्विजय ने कहा कि हिंदू धर्म इतना व्यापक, विशाल है कि यहां सबको स्वीकार किया गया है। ईसाई धर्म पश्चिम के देशों में बाद में गया, पहले यहां आया। ईसा मसीह के 40 साल बाद ईसाई धर्म हमारे देश में आ गया था। इस्लाम यहां आठवीं सदी में आ गया था। तब भी हिंदुओं को कोई खतरा नहीं था। मुगलों का शासन 500 साल रहा, तब भी हिंदू धर्म को खतरा नहीं रहा। ईसाइयों और अंग्रेजों का राज डेढ़ सौ साल रहा, तब तो हिंदुओं को कोई खतरा नहीं रहा। आज जब राष्ट्रपति से लेकर ऊपर के सभी पदों पर हिंदू है तो हिंदू धर्म को खतरा कैसे हो गया? हिंदुओं के लिए खतरा इसलिए बताया जाता है ताकि वे लोग फासीवादी मनोवृत्ति और विचारधारा को आगे ले जा सके। उससे राजनीतिक रोटियां सेंक सकें। राजनीतिक पद प्राप्त कर पैसा कमा सकें।