राजनीतिक

केशव प्रसाद मौर्य बोले – बैठकर बात करें स्वामी प्रसाद मौर्य, जल्दबाजी में लिए फैसले गलत साबित होते हैं

लखनऊ
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा होने के चौथे ही दिन मंगलवार को राज्य सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मौर्य ने अपना त्यागपत्र राज्यपाल को भेजा है। उनके इस फैसले पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंत्री से जल्दबाजी में कोई फैसला करने के बजाय बैठकर बात करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने किन कारणों से इस्तीफा दिया मगर जल्दबाजी में लिए गए फैसले अक्सर गलत साबित होते है, इसलिए उनसे आग्रह है कि उन्हें बैठकर बात करनी चाहिए। उप मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ट्वीट किया कि आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है, मैं नहीं जानता हूं। उनसे अपील है कि बैठकर बात करें, जल्दबाजी में लिए हुए फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं।

गौरतलब है कि मंगलवार दोपहर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेजे इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि योगी आदत्यनाथ के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों एवं विचारधारा में रह कर बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वाहन किया है किंतु दलितों पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के तुरंत बाद समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन। सामाजिक न्याय का इंकलाब होगा बाइस में बदलाव होगा। सपा सूत्रों का दावा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भाजपा के कुछ और विधायक सपा की सदस्यता हासिल कर सकते हैं।

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