मार्गरेट अल्वा ने ममता बनर्जी को दी सलाह, कहा— ‘EGO दूर रखें’
नई दिल्ली
उप राष्ट्रपति चुनाव में अब कुछ ही दिन बाकि है। ऐसे में बीते दिनों ही तृणमूल कांग्रेस ने चुनावों से दूरी बनाने का फैसला किया है। जिस पर अब विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का भी बयान सामने आया है। अल्वा ने सीएम ममता बनर्जी को सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ममता विपक्ष के साथ खड़ी रहेंगी।अल्वा ने कहा कि 'यह समय अहंकार या क्रोध का नहीं है। यह साहस, नेतृत्व और एकता का समय है'।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने यह फैसला लिया है कि उनकी पार्टी TMC इस बार के उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेगी। वोटिंग प्रक्रिया से टीएमसी के दूर रहने पर पार्टी के सचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अंतिम समय में विरोधी दलों ने बिना परामर्श किए मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार बना दिया।
इस खबर के सामने आने के बाद उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा तृणमूल कांग्रेस के वोटिंग से दूर रहने का फैसला निराशाजनक है। मार्गरेट अल्वा ने कहा कि यह समय अहंकार या क्रोध का नहीं है। यह साहस, नेतृत्व और एकता का समय है। अल्वा ने कहा कि मेरा मानना है कि ममता विपक्ष के साथ खड़ी रहेंगी।
किसी को समर्थन नहीं देगी टीएमसी
तृणमूल कांग्रेस ने अपने फैसले से सभी को चौंका दिया है. पार्टी ने किसी भी उम्मीदवार को समर्थन नहीं देने का फैसला किया है. वो अब न तो विपक्ष की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा को वोट करेगी और ना ही एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को समर्थन करेगी.
कांग्रेस ने साधा टीएमसी पर निशाना
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की अगुवाई करने वाली टीएमसी ने उपराष्ट्रपति चुनाव में अलग राह पकड़ ली है. जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी ने हमला बोल दिया है. कांग्रेस ने टीएमसी पर कई गंभीर आरोप लगाए है. कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिन बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ हमेशा सीएम ममता बनर्जी की तकरार चलती रहती थी. उन्हीं राज्यपाल ने उनको और असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा को बुलाया, एक साथ तीनों की बैठक हुई और अगले ही दिन जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया गया। ये एक ‘दार्जिलिंग पैक्ट’ तीनों में हुआ है.
नामांकन के दौरान भी दूर रही टीएमसी
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी के इस रवैये पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी हैरानी जताई है. उन्होंने ट्वीट कर विपक्ष की एकजुटता पर सवाल उठाया है. इससे पहले सोमवार को उपराराष्ट्रपति पद चुनाव को लेकर मार्गेट अल्वा ने नामांकन दाखिल कर दिया, उन्होंने विपक्ष के साझा उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। इसमें टीएमसी का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ. राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, माकपा नेता सीताराम येचुरी समेत कई विपक्षी पार्टियों के नेता मार्गेट अल्वा के साथ मौजूद रहे.’