राजनीतिक

नवजोत सिंह सिद्धू को हार के बाद भी नहीं आया करार! बैठकें कर पद के लिए लॉबिंग में जुटे

चंडीगढ़
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की फिर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर या अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में एक प्रभावशाली पद पर नजरें गड़ाए हुए हैं। सिद्धू की हालिया बैक-टू-बैक बैठकों को उनके द्वारा पंजाब कांग्रेस के नेताओं के बीच उनकी स्वीकार्यता और पार्टी आलाकमान के प्रति उनके समर्थन को दिखाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। आपको बता दें कि जल्द ही पीपीसीसी अध्यक्ष और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता के नाम की घोषणा करने की उम्मीद है।

सिद्धू ने हाल के दिनों में  विधानसभा चुनावों में हार के बाद पार्टी के पुनरुद्धार के लिए कांग्रेस नेताओं के साथ कम से कम तीन बैठकें की हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी ही एक बैठक का हिस्सा रहे एक कांग्रेसी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सिद्धू का प्रयास शर्मनाक हार के बावजूद पंजाब कांग्रेस में अपनी स्वीकार्यता और ताकत दिखाने के लिए कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाना था। उन्होंने कहा, "लेकिन हमारा विचार है कि कांग्रेस आलाकमान को पार्टी की बागडोर एक नए व्यक्ति को देनी चाहिए।"

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की संस्कृति को देखते हुए उसी व्यक्ति को बहाल करना मुश्किल है जिसकी कमान में पार्टी ने विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन किया हो।  बैठक के दौरान हुई चर्चा के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता रमन बख्शी ने कहा, "हमने अमृतसर नगर निगम के मुद्दों पर चर्चा की और कुछ नहीं।" आपको बता दें कि वह अमृतसर में हुई सिद्धू के साथ बैठक में भी शामिल थे।

हाल के दिनों में सिद्धू ने आम आदमी पार्टी (आप) नेतृत्व को निशाना बनाना शुरू कर दिया है और पंजाब से संबंधित मुद्दों को उठाना शुरू कर दिया है। सोमवार को सिद्धू ने चंडीगढ़ के समर्थन में बल्लेबाजी की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पंजाब के 27 गांवों की जमीन पर चंडीगढ़ बनाया गया है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के बहाने पंजाब का पानी निशाना बनाया गया है।

 

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