कांग्रेस के नेतृत्व से हटे गांधी परिवार, दूसरे नेता को मौका दें-कपिल सिब्बल
नई दिल्ली
पांच राज्यों विधानसभा चुनावों करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल का बड़ा बयान आया है. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार पद छोड़ दे और किसी दूसरे नेता को मौका मिले. उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा और कहा कि अगर उन्हें हार के कारणों की जानकारी नहीं है, तो कल्पना लोक में जी रहे हैं. उन्होंने ये बातें एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कही.
एक इंटरव्यू में सिब्बल ने कहा कि वह विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार से हैरान नहीं हैं. उन्होंने कहा, "सीडब्ल्यूसी के बाहर भी एक कांग्रेस है… कृपया उनके विचारों को सुनें, यदि आप चाहें तो… हमारे जैसे बहुत से नेता जो सीडब्ल्यूसी में नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस में एक पूरी तरह से अलग दृष्टिकोण है. क्या इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि हम सीडब्ल्यूसी में नहीं हैं? देश भर में बहुत सारे कांग्रेसी हैं, केरल से, असम से, जम्मू-कश्मीर से, महाराष्ट्र से, उत्तर प्रदेश से, गुजरात से, जो उस दृष्टिकोण को नहीं रखते हैं."
कपिल सिब्बल ने विचार-मंथन सत्र आयोजित करने के पार्टी के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि नेतृत्व "कुकू लैंड" में रह रहा है, अगर उसे आठ साल बाद भी पार्टी के पतन के कारणों के बारे में पता नहीं है। जी23 नेताओं ने 2020 में सोनिया गांधी को पार्टी में बड़े बदलावों की मांग की थी। सिब्बल कांग्रेस के पहले वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने मांग की कि गांधी परिवार एक नए नेता के लिए रास्ता बनाए। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार को स्वेच्छा से दूर जाना चाहिए, क्योंकि उनकी ओर से नामित बॉडी उन्हें कभी नहीं बताएगी कि उन्हें सत्ता की बागडोर जारी नहीं रखनी चाहिए।
2024 की तैयार में जुटीं प्रियंका गांधी
कपिल सिब्बल कह रहे हैं कि गांधी परिवार कल्पना लोक में जी रहा है. वहीं हार के बाद भी प्रियंका गांधी वाड्रा ने हार नहीं मानी है. वो यूपी में 2024 के लिए रणनीति बनाने में जुट गई हैं. सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी ने रविवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उत्तर प्रदेश में हार पर मंथन किया लेकिन उससे पहले घंटों तक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की.
उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार बेहद निराशाजनक रहा है. जमानत जब्त कराने में कांग्रेस नंबर एक रही है. कांग्रेस के 399 प्रत्याशियों में से 387 की जमानत जब्त हो गई. कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस को इस बार सिर्फ 2.33 फीसदी वोट मिले. ये यूपी में कांग्रेस के इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन था. वो भी तब जब प्रियंका गांधी लगातार यूपी में एक्टिव थीं.
चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने सड़क पर संघर्ष से लेकर भावनात्मक अपील तक सब दांव आजमाए लेकिन चुनाव दो ध्रुवी हो गए. चुनाव में कुछ काम नहीं आया. मुकाबला बीजेपी और एसपी के बीच ही लड़ा गया. लेकिन हार से घबराए बिना प्रियंका अगले चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी ने इस बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव के लिए ब्लू प्रिंट भी तैयार किया है.