राजनीतिक

पवार ने की मोदी की तारीफ, कहा- मैंने यूपीए सरकार में उनके खिलाफ बदले की राजनीति का विरोध किया था

पुणे
एनसीपी चीफ शरद पवार ने बुधवार को पीएम मोदी की तारीफ करते हुए बताया कि कैसे यूपीए सरकार में अधिकतर मंत्री उनके खिलाफ थे और उस समय गुजरात सरकार के खिलाफ कठोर से कठोर कदम उठाने की हिमायत करते थे। एक कार्यक्रम के दौरान पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि कैसे उन्होंने और तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह उस समय गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी के खिलाफ किसी भी तरह के बदले की कार्रवाई का विरोध किया था। पवार ने यह भी कहा कि यूपीए सरकार में उनके अलावा ऐसा कोई नहीं था जो उस समय मोदी से बात कर सकता था क्योंकि वह लगातार मनमोहन सरकार पर हमला बोलते रहे थे। बता दें कि 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार में शरद पवार कृषि मंत्री थे।

मोदी का वर्क स्टाइल की तारीफ कर बताया मजबूत पक्ष
मोदी के काम करने के तरीके की तारीफ करते हुए पवार ने यह भी कहा कि वह एक बार कोई काम शुरू करते हैं तो उसे पूरा करते हैं। पवार ने कहा, 'उनका स्वभाव ऐसा है कि एक बार जब वह किसी भी कार्य को हाथ में ले लेते हैं, तो वह यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि जब तक वह (कार्य) समाप्त नहीं हो जाता, तब तक वह नहीं रुकेंगे। प्रशासन पर उनकी अच्छी पकड़ है और यही उनका मजबूत पक्ष है।'

'मैं और सिंह नहीं चाहते थे मोदी के खिलाफ बदले की कार्रवाई'
शरद पवार से सवाल किया गया कि ऐसे समय में जब नरेंद्र मोदी सीएम थे और तत्कालीन सरकार के साथ ही केंद्रीय एजेंसियां उनके पीछे थीं, तब वह और मनमोहन सिंह मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई न किए जाने के पक्ष में थे। इसपर पवार ने जवाब दिया कि यह कुछ हद तक सच है। शरद पवार ने कहा, 'जब मोदीजी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, मैं केंद्र में था। पीएम जब सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाते थे, तब बीजेपी शासित राज्यों के सीएम की अगुवाई मोदी करते थे और केंद्र पर हमलावर रहते थे। इसलिए ऐसी स्थिति में मोदी से निपटने के लिए रणनीति बनाई जाती थी। यूपीए सरकार में मेरे अलावा एक भी ऐसा मंत्री नहीं था जो मोदी से बात कर सके।'

'मोदी के पद का हमेशा सम्मान किया'
81 वर्षीय पवार ने कहा कि यूपीए की अंदरूनी बैठकों में वह सबको यही समझाते थे कि चाहे उनके और मोदी के बीच या बीजेपी के साथ कितने भी मतभेद हों लेकिन किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री हैं। पवार ने कहा, 'मैं बैठकों में कहा करता था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं और लोगों ने उन्हें चुना है। अगर वह यहां कुछ मुद्दों के साथ आ रहे हैं, तो यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है कि मतभेदों को दूर किया जाए और उनके राज्यों के लोगों के हितों पर असर न हो।'

शरद पवार ने यह भी कहा कि वह अकेले ऐसे मंत्री थे जो गुजरात जाकर वहां की समस्याओं को समझते थे। उन्होंने कहा, 'मैं और मनमोहन सिंह यह राय रखते थे कि मोदी के खिलाफ बदले की राजनीति नहीं होनी चाहिए। हम यह राय रखते थे कि हमें स्थापित कार्यशैली से बाहर जाकर कुछ नहीं करना चाहिए और हमने ऐसा कभी किया भी नहीं।' हालांकि, एनसीपी नेता ने यह भी कहा कि यूपीए गठबंधन के कुछ सदस्य ऐसे थे जो गुजरात सरकार और वहां के कुछ लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के हिमायती थे।

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