राजनीतिक

राज्यसभा चुनाव: राजस्थान में कांग्रेस को बड़ी राहत, नाराज चल रहे 5 विधायकों का यू टर्न; सोनिया गांधी को बताया नेता

 जयपुर

राजस्थान राज्यसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में जारी उतार-चढ़ाव के बीच कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 5 विधायकों ने यू टर्न ले लिया है। शनिवार देर रात सीएम गहलोत से मिलने के बाद विधायकों के सीएम गहलोत के प्रति तेवर ठंडे दिखाई दिए। अभी तक पांचों विधायक कांग्रेस की पहुंच से दूर माने जा रहे थे। सीएम से मिलने वाले विधायकों में लाखन मीना, वाजिब अली, गिर्राज सिंह मलिंगा, संदीप यादव, मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के साथ कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा भी साथ में थे। माना जा रहा है कि सीएम गहलोत से मिलने के बाद इन विधायकों की नाराजगी दूर हो गई है। हालांकि, इन विधायकों ने सीधे तौर पर सीएम गहलोत के प्रति नाराजगी नहीं जताई थी। क्षेत्र की विभिन्न लंबित मांगे पूरी नहीं होने से नाराज चल रहे थे। ये सभी विधायक उदयपुर में चल रही बाड़ेबंदी में नहीं गए थे। इन विधायकों का साथ मिलने के बाद कांग्रेस आसानी से 3 सीट जीत जाएंगे। माकपा ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है। जबकि बीटीपी ने सशर्त समर्थन देने की बात कही है।
 
वोट तो कांग्रेस को ही करेंगे
सीएम गहलोत से मिलने के बाद विधायक लाखन मीना ने कहा कि हमारी नेता सोनिया गांधी है। हम बसपा के सदस्य नहीं है। वोट तो कांग्रेस को ही करेंगे। विधायक लाखन मीना ने कहा कि हमारी नेता सोनिया गांधी है। हम बसपा के सदस्य नहीं है। वोट तो कांग्रेस को ही करेंगे। उल्लेखनीय है कि बसपा ने व्हिप जारी कर पांचों विधायकों को निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा के पक्ष में मतदान करने के निर्देश दिए है।

सभी पांचों विधायकों ने खोला रखा था मोर्चा
उल्लेखनीय है कि बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, विधायक संदीप यादव, गिर्राज सिंह मलिंगा, वाजिब अली और लाखन मीना कई दिनों से नाराज चल रहे थे। मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने उनके साथ वादाखिलाफी की है। हमारे विधायकों के उचित सम्मान नहीं मिला है। विधायक संदीप यादव ने कहा कि कांग्रेस छोड़कर जाने वालों को सम्मान मिल रहा है। जबकि हमें सम्मान नहीं मिला। नौकरशाही हमारी नहीं सुनती है। विधानसभा क्षेत्र के काम नहीं हो रहे हैं। इसी प्रकार नगर विधायक वाजिब अली ने कहा कि सीएम गहलोत को पत्र लिखकर कई बार अनुरोध किय। इसके बावजूद उनके विधानसभा क्षेत्र का समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। विधायक वाजिब अली ने ब्यूरोक्रेस पर निशाना साधा था।
कांग्रेस विधायक रामखिलाड़ी बैरवा ने भी नाराजगी प्रकट की थी। लेकिन सीएम गहलोत से मिलने के बाद नाराज विधायकों के तेवर नरम हो गए है। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में ये सभी विधायक उदयपुर के रवाना हो जाएंगे।

कांग्रेस को चाहिए तीसरी सीट के लिए 123 वोट
राजस्थान राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। दूसरी सीट के लिए भाजपा निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा का समर्थन कर रही है। संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस 2 और बीजेपी की एक सीट पर जीत तय है। कांग्रेस को तीसरी सीट जीतने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। दोनों ही दलों को 1 सीट जीतने के लिए 41 विधायकों के वोटों की आवश्यकता है। ऐसे में कांग्रेस को 3 सीट जीतने के लिए 123 वोटों की जरूरत है तो वहीं बीजेपी को 1 सीट जीतने के लिए 41 मतों की आवश्यकता रहेगी। बीजेपी अपने बाकी 30 विधायकों का वोट निर्दलीय प्रत्याशी को दिलवा सकती है। ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी को 11 वोटों की और जरूरत होगी। कांग्रेस के पास 123 विधायक है।

माकपा विधायकों बलवान पूनिया को सुरक्षा
माकपा विधायक बलवान पूनिया ने कांग्रेस को समर्थन का ऐलान किया है। पार्टी को बड़ी राहत मिली है। गहलोत सरकार ने बलवान पूनिया को सुरक्षा प्रदान की है। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार आरएसी की 1-4 की सशस्त्र गार्ड  विधायक पूनिया के निवास स्थान मल्लखेड़ा में आगामी आदेश तैनात रहेंगे। गृह विभाग के आदेश में कहा गया है कि भादरा विधायक बलवान पूनिया द्वारा विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न राजकार्य करवाए जाने के मद्देनजर असामाजिक तत्वों द्वारा इनी जान-माल को खतरा है। इसलिए सुरक्षा के लिए जवान तैनात रहेंगे

 

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