राजनीतिक

RS चुनाव: राज्यसभा चुनाव से पहले गहलोत ने बिछाई शतरंज की बिसात, कांग्रेस के 4 में से 3 सीट जीतने के आसार

 जयपुर
 
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यूं ही राजनीति का जादूगर नहीं कहा जाता है। प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से पहले सीएम गहलोत की गुगली से भाजपा बोल्ड होती हुई दिखाई दे रही है। नाराज चल रहे 6 विधायकों का समर्थन मिलने के बाद गहलोत की बिछाई शतरंज की बिसात से बीजेपी की एक सीट छिनती हुई दिखाई दे रही है। गहलोत ने कई दिनों से नाराज चल रहे 6 विधायकों की नाराजगी दूर कर दी है। सभी विधायक कांग्रेस को वोट देंगे। नाराज विधायक शनिवार देर रात को गहलोत से मिले थे। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक लाखन मीना, वाजिब अली, संदीप यादव, गिर्राज सिंह मलिंगा और मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के तेवर ठंडे पड़ गए। कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा के तेवर भी नरम हो गए है। सभी विधायक उदयपुर के होटल में हो रही कांग्रेस की बाड़ेबंदी में जाने के लिए तैयार हो गए है। कांग्रेस के पास 108 विधायक, भाजपा के पास 71, निर्दलीय 13, आरएलपी 3, बीटीपी 2, माकपा 2 और आरएलडी के पास एक विधायक है। संभावना है कि मौजूगा संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस 4 में 3 राज्यसभा की सीट आसानी से जीत जाएगी।

विश्वेंद्र सिंह से नहीं बात, गहलोत ने संभाला मोर्चा
गहलोत ने नाराज विधायकों को मनाने के लिए पर्यटन मंत्री विश्वेंद सिंह को लगाया था। लेकिन विश्वेंद्र सिंह मनाने में असफल रहे। इसके बाद गहलोत ने खुद कमान संभाली और शनिवार देर रात नाराज विधायकों को अपने आवास पर बुला लिया। विधायकों ने जो मांगे गहलोत के सामने रखी। गहलोत से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद विधायकों के तेवर ठंडे पड़ गए। दरअसल, इन विधायकों की नाराजगी सीएम गहलोत से कभी नहीं रही। इन विधायकों का कहना था कि उन्हें वह सम्मान नहीं मिला जिसका वे हकदार थे।

कांग्रेस को तीसरी सीट मिलने के आसार बढ़े
राजस्थान राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। दूसरी सीट के लिए भाजपा निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा का समर्थन कर रही है। संख्या बल के हिसाब से कांग्रेस 2 और बीजेपी की एक सीट पर जीत तय है। कांग्रेस को तीसरी सीट जीतने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। दोनों ही दलों को 1 सीट जीतने के लिए 41 विधायकों के वोटों की आवश्यकता है। ऐसे में कांग्रेस को 3 सीट जीतने के लिए 123 वोटों की जरूरत है तो वहीं बीजेपी को 1 सीट जीतने के लिए 41 मतों की आवश्यकता रहेगी। बीजेपी अपने बाकी 30 विधायकों का वोट निर्दलीय प्रत्याशी को दिलवाएगी। ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशी को 11 वोटों की और जरूरत होगी। कांग्रेस के पास 123 विधायक है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने 126 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।

उल्लेखनीय है कि बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, विधायक संदीप यादव, गिर्राज सिंह मलिंगा, वाजिब अली और लाखन मीना कई दिनों से नाराज चल रहे थे। मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने उनके साथ वादाखिलाफी की है। हमारे विधायकों के उचित सम्मान नहीं मिला है। विधायक संदीप यादव ने कहा कि कांग्रेस छोड़कर जाने वालों को सम्मान मिल रहा है। जबकि हमें सम्मान नहीं मिला। नौकरशाही हमारी नहीं सुनती है। विधानसभा क्षेत्र के काम नहीं हो रहे हैं। इसी प्रकार नगर विधायक वाजिब अली ने कहा कि सीएम गहलोत को पत्र लिखकर कई बार अनुरोध किय। इसके बावजूद उनके विधानसभा क्षेत्र का समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। विधायक वाजिब अली ने ब्यूरोक्रेस पर निशाना साधा था। कांग्रेस विधायक रामखिलाड़ी बैरवा ने भी नाराजगी प्रकट की थी। लेकिन सीएम गहलोत से मिलने के बाद नाराज विधायकों के तेवर नरम हो गए है।

 

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