सिद्धू की गांधी परिवार के खिलाफ बगावत ,ऊपर वाले चाहते हैं कठपुतली CM
चंडीगढ़
पंजाब में सीएम चेहरे की घोषणा से पहले नवजोत सिद्धू ने कांग्रेस हाईकमान पर बड़ा अटैक किया है। सिद्धू ने अमृतसर में कहा कि ऊपर वाले तो चाहते हैं कि पार्टी में ऊपर बैठे लोगों को कठपुतली सीएम चाहिए।, जो इनकी ताल पर ता-ता थैय्या नाचे। फिर ऊपर से कहेंगे कि नाच मेरी बुलबुल, पैसा मिलेगा। पहले बांह मरोड़ते हैं और फिर दर्द होने पर छोड़ देते हैं। इसके बाद भीड़ से नारे लगने लगे.. हमारा सीएम कैसा हो, नवजोत सिद्धू जैसा हो।
पंजाब में कांग्रेस 6 फरवरी को सीएम चेहरे की घोषणा करने जा रही है। इसके लिए राहुल गांधी लुधियाना रैली में आ सकते हैं। कांग्रेस में सीएम चेहरे के लिए नवजोत सिद्धू और मौजूदा सीएम चरणजीत चन्नी के बीच मुकाबला चल रहा है।
पंजाब में अपने समर्थकों के नारेबाजी के बीच सिद्धू ने कहा, "अगर नया पंजाब बनाना है तो यह मुख्यमंत्री के हाथों में है। इस बार आपको मुख्यमंत्री चुनना है। शीर्ष पर बैठे लोग एक कमजोर मुख्यमंत्री चाहते हैं जो उनकी धुन पर नाच सके। क्या आप ऐसा सीएम चाहते हैं।“
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिद्धू ने कहा, 'मुझे तो आप लोगों से एक बात कहनी है कि यदि नया पंजाब बनाना है तो वह मुख्यमंत्री के ही हाथ में है। यदि आप ईमानदार सीएम चुनेंगे तो फिर वह ईमानदारी नीचे तक जाएगी। आप लोगों ने देखा ही है कि पिछले 25-30 सालों में कैसे दो मुख्यमंत्रियों ने पंजाब का बेड़ागर्क किया। ऊपर वाले तो चाहते हैं कि कोई कमजोर मुख्यमंत्री हो, जिसे वो ता थैया, ता थैया नचा सकें और कहें कि नाच मेरी बुलबुल तुझे पैसा मिलेगा। कहां कद्रदान फिर ऐसा मिलेगा।'
पत्नी भी कह चुकी, सीएम न बने तो प्रोफेशन में लौट जाएंगे
इससे पहले नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भी कह चुकी हैं कि अगर सीएम न बने तो हम प्रोफेशन में लौट जाएंगे। जहां सिद्धू 25 लाख रुपए प्रति घंटे कमाते हैं और मैं भी 5 से 10 लाख रुपए महीना कमाती हूं। हालांकि इसमें ट्रोल होने पर नवजोत कौर ने कहा था कि नवजोत सिद्धू हीरो हैं और हीरो ही रहेंगे।
सिद्धू पहले भी ईंट से ईंट खड़काने की बात कह चुके
यह पहली बार नहीं है जब नवजोत सिद्धू ने सीधे हाईकमान पर अटैक किया हो। इससे पहले भी सिद्धू ने कहा था कि अगर उन्हें निर्णय लेने की छूट न मिली तो वह ईंट से ईंट खड़का देंगे। सिद्धू जनसभाओं के साथ राहुल गांधी के सामने भी जालंधर रैली में कह चुके हैं कि उन्हें दर्शनीय घोड़ा न बना देना। उन्हें फैसला लेने की ताकत देना।