राजनीतिक

सूरत पूर्व के आप उम्मीदवार ने नाम वापस लिया, आप का भाजपा पर दबाव का आरोप

अहमदाबाद | गुजरात विधानसभा को लेकर राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है| इन सबके बीच आज सूरत में अजीबोगरीब घटना सामने आई है| आप ने सूरत पूर्व सीट से कंचन जरीवाला को उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया था| बीती रात 8 बजे अचानक खबर मिली कि कंचन जरीवाला लापता हैं| जिसके बाद आप के गुजरात प्रदेश प्रमुख गोपाल इटालिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कंचन जरीवाला और उनके परिवार को डराने-धमकाने का आरोप लगा दिया| लेकिन आज मामला ही पलट गया| आप के उम्मीदवार कंचन जरीवाला ने आज सुबह चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया| इसे लेकर सूरत की राजनीति गरमा गई है| बता दें कि सूरत पूर्व सीट भाजपा ने सीटिंग विधायक अरविंद राणा और कांग्रेस ने असमल साइकल वाला को चुनाव मैदान में उतारा है| जबकि आप ने कंचन जरीवाला को उम्मीदवार बनाया था| लेकिन चुनाव से पहले ही कंचन जरीवाला ने अपना नामांकन वापस ले लिया है| नामांकन वापस लेने के बाद आप ने आरोप लगाया कि कंचन जरीवाला और उनके परिवार पर दबाव बनाया गया| जिससे परेशान होकर कंचन जरीवाला ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया| अरविंद केजरीवाल ने तो कंचन जरीवाला के अपहरण की आशंका जताई थी| केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा ‘सूरत पूर्व के आप के उम्मीदवार कंचन जरीवाला और उनके परिजन कल रात से लापता हैं| इससे पहले भाजपा ने जरीवाला का नामांकन रद्द करने का प्रयास किया था, लेकिन उनका नामांकन स्वीकार कर लिया गया था| बाद में उन पर नामांकन वापस लेने का दबाव डाला जा रहा था| क्या उनका अपहरण किया गया है?’ कंचन जरीवाला को लेकर गुजरात से दिल्ली तक राजनीति गरमा गई है| राज्यसभा के सांसद संजयसिंह ने आज पत्रकार वार्ता की, जिसमें उन्होंने कहा कि कंचन जरीवाला के कथित अपहरण का वीडियो जारी करेंगे| भाजपा की गुजरात में दयनीय स्थिति होने से वह लोकतंत्र का गला घोट रही है| गुजरात में भाजपा ने चुनाव से पहले हार मान ली है, इसलिए इस प्रकार के प्रयास कर रही है| उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह कंचन जरीवाला को जबरन आरओ ऑफीस में ले गई और उनका नामांकन रद्द करने का प्रयास किया| लेकिन सफल नहीं होने पर उनका भाजपा ने अपहरण कर लिया| उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे गुजरात चुनाव में भाजपा सीधे चुनाव आयोग को चुनौती दे रही है| संजयसिंह ने कहा कि भाजपा ने अपने 27 साल के शासन में गुजरात में बहुत काम किया है तो उसे उम्मीदवार का अपहरण करने की जरूरत क्यों पड़ी? 
गौरतलब है कंचन जरीवाला के नाम वापस लेने से सूरत पूर्व सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा| एआईएमआईएम ने सूरत पूर्व सीट से मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है| ऐसे में भाजपा सरलता से जीत सकती है|

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