
अनूप पौराणिक
भाजपा वर्तमान में दुनिया की सबसे अधिक सदस्यों वाली पार्टी है। 6 अप्रैल, 1980 को राजनीतिक उथल-पुथल भरे घटनाक्रमों के बीच भाजपा की स्थापना हुई थी। इस दल के विचार तत्व के बीज जनसंघ के तौर पर 1951 में ही रखे जा चुके थे। ह्यनेशन फर्स्टह्ण की अवधारणा पर चलते हुए जनसंघ के कार्यकर्ताओं ने ही राजनीति में भाजपा के रूप में वैकल्पिक विचारधारा की मजबूत बुनियाद रखी। इसलिए वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी एक राष्ट्रवादी राजनीतिक दल है जो भारत को एक सुदृढ़, समृद्ध एवं शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए कृतसंकल्पित है।इस दल के सरोकार राष्ट्रीय रहे, इसमें समाज के सभी वर्गों की चिंता करने का कर्तव्यबोध बना रहा, इसकी विचारधारा में इतना खुलापन रहा कि वह दल को समाज से व्यापकता में जुड़ने से नहीं रोकता है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि भाजपा के सरोकार न तो कभी संकीर्ण थे और न ही कभी एकाकी ही रहे। राजनीतिक दलों के सामाजिक दायित्व कैसे हों, इसका उच्च मानदंड भाजपा ने मिसाल के रूप में अनेक बार रखा है। बेशक पार्टी जब सत्ता में न रही हो, तब भी उसके सामाजिक दायित्वों के प्रति निष्ठा में कोई कमी नहीं देखा गयी है। यह सच है कि लंबे समय तक भाजपा को विपक्ष में रहना पड़ा है, लेकिन विपक्ष में रहते हुए राष्ट्रहित के मसलों पर ह्यरचनात्मक सहयोगह्ण की भावना भाजपा नेताओं द्वारा हमेशा दिखायी गयी है।
वर्ष 1991 में नरसिंहा राव सरकार के वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह उदारीकरण का बजट लोकसभा में प्रस्तुत कर रहे थे। वाम दलों ने संसद में दिये जा रहे उनके भाषण में गतिरोध पैदा किये।उस दौरान विपक्ष में होने के बावजूद लालकृष्ण अडवाणी ने खड़े होकर तत्कालीन स्पीकर शिवराज पाटिल से पुरजोर ढंग से कहा कि सदन को वित्तमंत्री का भाषण सुनना चाहिए। यह गतिरोध ठीक नहीं है। एक और वाकया है- जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे और वाजपेयी विपक्ष के नेता, तब प्रधानमंत्री राव ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की बैठक में जा रहे प्रतिनिधि मंडल में अटल बिहारी वाजपेयी को भेजा था।
अपनी स्थापना के साथ ही भाजपा ने अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं लोकहित के विषयों पर मुखर रहते हुए भारतीय लोकतंत्र में अपनी सशक्त भागीदारी दर्ज की तथा भारतीय राजनीति को नए आयाम दिए। कांग्रेस की एकाधिकार वाली एक-दलीय लोकतान्त्रिक व्यवस्था के रूप में जानी जाने वाली भारतीय राजनीति को भारतीय जनता पार्टी ने दो ध्रुवीय बनाकर एक गठबंधन-युग के सूत्रपात में अग्रणी भूमिका निभाई है। देश में विकास आधारित राजनीति की नींव भी भाजपा ने विभिन्न राज्यों में सत्ता में आने के बाद तथा पूरे देश में भाजपा नीत राजग शासन के दौरान रखी। लम्बे समय के बाद सन 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसी एक पार्टी को देश की जनता ने पूर्ण बहुमत दिया है तथा भारी बहुमत से भाजपा नीत राजग सरकार केन्द्र में विद्यमान है।
स्थापना के समय 2 सीट जीतने वाली भाजपा अब तक के चार दशकों में इतिहास रचते हुए आज लोकसभा में 303 सीटें, राज्यसभा में 101 सीट पर काबिज है। वही 16 से अधिक राज्यों में भाजपा की सरकार है। भाजपा का यह विस्तार विचार के साथ हो रहा है। 42 वर्षों में भाजपा की राजनीति ताकत बढ़ी है तो वही सामाजिक दायित्वों के दायरे को अपने विस्तार के साथ-साथ बड़ा किया है। आज भाजपा में नौ ऐसे प्रकल्प सांगठनिक तौर पर कार्य कर रहे हैं, जिनका विशुद्ध दायित्व सामाजिक है। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढाओ’, स्वच्छता संकल्प, नमामि गंगे, जैसे प्रकल्प पार्टी की सांगठनिक संरचना का हिस्सा हैं। एक राजनीतिक दल के रूप में समाज के प्रति अपने सरोकारों का कर्तव्यबोध भाजपा को जन के मन को छूने वाले दल के रूप में उपस्थित करता है। यही कारण है कि पार्टी की लोकप्रियता और उसके कार्यकर्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।