राजनीतिक

बुरी तरह साइडलाइन हुए उद्धव ठाकरे! समर्थन के बाद भी नहीं मिला द्रौपदी मुर्मू से मिलने का न्योता

मुंबई
राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान करने वाली शिवसेना को बड़ा झटका लगा है। खबर है कि प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना को मुर्मू से मिलने के लिए बुलाया ही नहीं गया। NDA उम्मीदवार गुरुवार को मुंबई पहुंच रही हैं। इस दौरान वह राज्य के सभी विधायकों और सांसदों से मुलाकात करेंगी। मुर्मू का समर्थन के ठाकरे के ऐलान के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना को गुरुवार को मुर्मू के साथ होने वाली बैठक में बुलाया नहीं गया है। रिपोर्ट के अनुसार, ठाकरे कैंप में शामिल शिवसेना सांसद विनायक राउत ने बताया, 'हमें अभी तक भाजपा या किसी से भी द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात को लेकर कोई निमंत्रण नहीं मिला है। तो कोई सवाल ही नहीं है कि शिवसेना गुरुवार को होने वाली बैठक में शामिल हो। चूंकि वह आदिवासी महिला हैं इसलिए अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने उनका समर्थन करने का फैसला किया है और कुछ नहीं।'
 

खबर है कि मुर्मू गुरुवार दोपहर को मुंबई पहुंचेंगी। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और भारती पवार समेत अन्य नेता होंगे। वह एयरपोर्ट के पास होटल में उनका समर्थन कर रहे सांसदों और विधायकों से मुलाकात करेंगी। भाजपा नेताओं का कहना है कि करीब 250 सांसद और विधायकों के मुर्मू से मिलने की संभावना है। खास बात है कि 19 में से 12 सांसदों की अपील के बाद ठाकरे ने मुर्मू के समर्थन की घोषणा की थी। मुर्मू के सामने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा।

खबर है कि भाजपा ने अपने सभी 106 विधायकों से गुरुवार सुबह तक मुंबई पहुंचने के लिए कहा है। साथ ही शिवसेना के 40 विधायकों समेत शिंदे कैंप के 50 विधायकों को भी बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है। खास बात है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कैंप के प्रवक्ता और विधायक दीपक केसरकर बुधवार को दिल्ली में हुई NDA पार्टियों की बैठक में शामिल हुए थे।

 

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