धर्म

नववर्ष 2081 में ग्रहों का मंत्रिमंडल… मंगल राजा, शनि मंत्री

वर्ष 2024 में कैसा होगा ग्रहों का मंत्रिमंडल इसको लेकर बालाजी ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र सीहोर के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा ने बताया कि जिस प्रकार देश को संचालित करने के लिए सरकार की आवश्यकता होती है, जो मंत्रिमंडल बनाकर देश को संचालित करती है। ठीक उसी प्रकार शास्त्रों में ग्रहों के मंत्रिमंडल की भी व्यवस्था है। ग्रहों का यह मंत्रिमंडल समूचे विश्व को संचालित करता है। यह मंत्रिमंडल नवसंवत्सर के साथ ही प्रतिवर्ष बदलता रहता है। 9 अप्रैल 2024, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा से ’कालयुक्त’ नामक नवीन संवत्सर प्रारंभ हो रहा है। ’कालयुक्त’ संवत्सर 2081 में ग्रहों का मंत्रिमंडल कैसा होगा। पंडित शर्मा के अनुसार संवत्सर 2081 के प्रारंभ होते ही निम्न मंत्रिमंडल अपना कार्यभार लेकर विश्व का संचालन प्रारंभ करेगा जो निम्न प्रकार से होगा…
– राजा ’मंगल’ (प्रधानमंत्री)- नवीन संवत्सर 2081 में राजा (प्रधानमंत्री) मंगल होंगे। जो मंत्रिमंडल के प्रमुख होंगे। मंगल के राजा होने से विश्व में युद्ध का भय होगा। जनता में सरकारों के लिए लगाव होगा। महामारी एवं बीमारी में वृद्धि होगी। धन-धान्य की कीमतों में बढ़ोत्तरी होगी।
मंत्री ’शनि’ (गृह मंत्री)- देश की सरकार में जिस प्रकार गृहमंत्री को सरकार में द्वितीय स्थान दिया जाता है, उसी प्रकार ग्रहों के मंत्रिमंडल में यह भूमिका मंत्री की होती है। नवीन संवत्सर 2081 में शनि मंत्री होंगे। शनि के मंत्री होने से विश्व में अराजकता में वृद्धि होगी। राजपक्ष जनता के लिए कार्य करता है। जनता को सुख लाभ होता है। जनता पर करों का भार बढ़ता है। विश्व अर्थव्यवस्था में ऊथल-पुथल होती है। देशों में कर्ज का बोझ बढ़ता है।
– धनेश ’मंगल’ (वित्त मंत्री)- देश के संचालन हेतु वित्त की व्यवस्था करना वित्त मंत्री की ज़िम्मेदारी होती है, ग्रहों के मंत्रिमंडल में यह कार्य धनेश करते हैं। नवीन संवत्सर 2081 में धनेश का यह पद भी मंगल के पास है। नए वर्ष में मंगल धनेश होंगे। मंगल के धनेश होने से मंहगाई में कमी व घटबड़ होती रहेगी। जनता को लाभ होगा। करों में कमी होगी। अनाज महंगा होगा। भूमि की कीमतें बढ़ेंगी।
– दुर्गेश ’शनि’ (रक्षा मंत्री)- जिस प्रकार देश की सरकार में कभी-कभी एक मंत्री दो मंत्रालय संभालता है, उसी प्रकार ग्रहों के मंत्रिमंडल में भी ऐसा होता है। नवीन वर्ष में दुर्गेश शनि होंगे जो इसके गृहमंत्री भी हैं। शनि के दुर्गेश होने से विश्व में अराजकता फैलेगी। भय व पीड़ा का वातावरण बनेगा। व्यापार की हानि होगी। देशों में परस्पर वैमनस्य और शत्रुता की भावना बलवती होगी। देश में सामाजिक सौहार्द्र में वृद्धि होगी।
– रसेश ’गुरु’ (कृषि/खाद्य)- नवीन वर्ष में रसेश गुरु होंगे। गुरु के रसेश होने से खाद्य पदार्थों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी। वर्षा पर्याप्त मात्रा में होगी। कपड़े एवं वाहनों के दाम बढ़ेंगे। दूध, दही, फ़लों के रसों के दाम बढ़ेंगे।
पंडित सौरभ गणेश शर्मा
ज्योतिषाचार्य, बालाजी ज्योतिष अनुसंधान केन्द्र शास्त्री कॉलोनी स्टेशन रोड सीहोर 9229112381

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